Edited By Ruby,Updated: 21 Apr, 2018 04:35 PM
इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ खंडपीठ ने प्रदेश के प्राइमरी स्कूलों में बच्चों को खराब जूते और बैग दिए जाने के मामले में राज्य सरकार की ओर से बताया गया कि साढ़े चार फीसदी जूते मोजे खराब पाए गए। जिनको बदलने की प्रक्रिया की जा रही है। न्यायालय ने...
लखनऊः इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ खंडपीठ ने प्रदेश के प्राइमरी स्कूलों में बच्चों को खराब जूते और बैग दिए जाने के मामले में राज्य सरकार की ओर से बताया गया कि साढ़े चार फीसदी जूते मोजे खराब पाए गए। जिनको बदलने की प्रक्रिया की जा रही है।
न्यायालय ने राज्य सरकार के आश्वासन के बाद कहा कि 16 मई को की गई कारवाई की जानकारी अदालत को दी जाए। न्यायमूर्ति विक्रमनाथ और न्यायमूर्ति दिनेश कुमार सिंह की पीठ ने इस मामले में अखबार में छपी खबरों पर स्वयं संज्ञान लेते हुए आदेश दिए। राज्य सरकार की ओर से मुख्य स्थाई अधिवक्ता रमेश पांडेय उपस्थित हुए और अदालत को बताया कि केवल साढ़े चार फीसदी ही जूते मोजे कुछ कम गुणवत्ता के पाए गए जिनको भी शीघ्र बदलने का काम किया जा रहा है ।
गौरतलब है कि प्राथमिक विद्यालयों में जूते, मोजे और बैग की सप्लाई की गई जिसकी गुणवता खराब थी। अदालत ने इस मामले में अखबार में छपी खबरों पर स्वत: संज्ञान लेते हुए जनहित याचिका दर्ज की गई। अदालत ने सुनवाई के बाद सरकार से जानकारी तलब की थी। अदालत ने इस मामले की अगली सुनवाई 16 मई को नियत की है।