Edited By Ramkesh,Updated: 23 Aug, 2024 08:16 PM
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को कहा कि जब सरकार जनता को सर्वोच्च प्राथमिकता देकर आगे बढ़ती है, तो उसके फैसले लोकप्रिय, सर्वमान्य और व्यापक रूप से स्वीकृत होते हैं। एक बयान के मुताबिक मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार...
गाजियाबाद: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को कहा कि जब सरकार जनता को सर्वोच्च प्राथमिकता देकर आगे बढ़ती है, तो उसके फैसले लोकप्रिय, सर्वमान्य और व्यापक रूप से स्वीकृत होते हैं। एक बयान के मुताबिक मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को गाजियाबाद में एक निजी चैनल के उद्घाटन के मौके पर कहा, ‘‘ भारत को लोकतंत्र की जननी के रूप में जाना जाता है। हम सभी दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र में रह रहे हैं। ऐतिहासिक व पौराणिक कालखंड में ऐसे अनेक उदाहरण देखने को मिलते हैं, जब आम जनभावनाओं को सर्वोपरि रखकर उस समय की राजसत्ता ने निर्णय लेने में कोई संकोच नहीं किया।
जनता को जनार्दन मानकर जब भी शासन सत्ता आगे बढ़ती है तो उसके निर्णय लोकप्रिय, सर्वमान्य व सर्वग्राह्य बनते हैं।'' योगी आदित्यनाथ ने कहा कि लोकतंत्र की जड़ों को मजबूत करने के लिए भले ही हमने देश में संसदीय लोकतंत्र को अपनाया हो पर न्यायपालिका, कार्यपालिका व विधायिका की भी अपनी लक्ष्मण रेखा है। उन्होंने कहा, लेकिन चौथे स्तंभ के रूप में मीडिया की भूमिका को कोई नजरअंदाज नहीं कर सकता।
उन्होंने कहा कि लोगों को सही तथ्यों से अवगत कराना, सही जानकारी उपलब्ध करवाना, आवश्यकता पड़ने पर किसी बड़े ‘ऑपरेशन' का नेतृत्व करना और अगर लेखनी के माध्यम से किसी का ‘पोस्टमार्टम' भी करना है तो मीडिया की भूमिका दिखती है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने आजादी के बाद भी अलग-अलग समय, अलग-अलग स्तर पर इसे महसूस किया है। योगी आदित्यनाथ ने कहा कि हमें समय के अनुरूप बदलना और चलना होगा। उन्होंने कहा, ‘‘एक समय था, जब लोग रेडियो, समाचार पत्रों के माध्यम से देश-दुनिया की घटनाओं को देखते थे।
बाद में मीडिया में अनेक चैनल आए, जितनी तेजी के साथ प्रचार-प्रसार किया, उतनी तेजी से उनके सामने चुनौतियां भी आईं। इसके बाद सोशल मीडिया समेत अलग-अलग मंच भी बन गए।'' उन्होंने कहा कि इस चुनाव में हमने देखा कि डिजिटल व सोशल मीडिया के मंच कैसे प्रभावित कर रहे थे। अगले दो-पांच वर्ष में जब हम चुनाव में जाएंगे तो हो सकता है कि ‘प्रिंट व विजुअल' मीडिया की भूमिका कुछ गौण हो, डिजिटल मीडिया और प्रभावी हो जाए।