शिक्षक भर्ती में जिले की अनिवार्यता उचित: उच्चतम न्यायालय

Edited By Ajay kumar,Updated: 16 Jan, 2020 09:38 AM

imperative of the district in teacher recruitment is appropriate highcourt

इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ खंडपीठ ने एक अहम फैसला देते हुए कहा है कि शिक्षक भर्ती में प्रशिक्षण वाले जिले की अनिवार्यता का प्रावधान एकदम उचित है।

 

लखनऊ: इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ खंडपीठ ने एक अहम फैसला देते हुए कहा है कि शिक्षक भर्ती में प्रशिक्षण वाले जिले की अनिवार्यता का प्रावधान एकदम उचित है। न्यायालय ने कहा कि जिस जिले से प्रशिक्षण होगा उसी जिले की मेरिट सूची के आधार पर सहायक अध्यापकों की भर्ती किया जाना कानून के तहत सही है। 

उच्च न्यायालय ने वर्ष 2016 के शिक्षक भर्ती मामले के सैकड़ो अभ्यर्थियों की ओर से दायर कई याचिकाओ को खारिज करते हुए दिया है। याचिका दायर कर बेसिक शिक्षक सेवा नियमावली की धारा 14 ए की वैधता को चुनौती दी गई थी । याचियो का कहना था कि शिक्षा नियमावली का वह प्रावधान हटाया जाय जिसमे कहा गया है कि जिस जिले से प्रशिक्षण हो केवल उसी जिले से भर्ती के आवेदन किये जाय । मांग की गई थी कि इस नियम को हटाकर अन्य जिलों से भी आवेदन करने की छूट दी जाए।       

मुख्य न्यायमूर्ति गोविंद माथुर एवं न्यायमूर्ति चंद्रधारी सिंह की पीठ ने याची अम्बरीष कुमार सहित अन्य की ओर से दायर कई याचिकाओ को एक साथ खारिज करते हुए यह आदेश दिए है। याचिका दायर कर कहा गया था कि प्रशिक्षण वाले जिले की अनिवार्यता से सभी अभ्यर्थियों का समानता का अधिकार संबंधी नियम प्रभावित होता है। कहा कि बेसिक शिक्षा नियमावली में जिले की अनिवार्यता संबंधी नियम असंवैधानिक है लिहाजा इसे खारिज किया जाय।        

राज्य सरकार की ओर से याचिका का कड़ा विरोध करते हुए कहा गया था कि बेसिक संहिता का अनिवार्यता संबंधी नियम उचित है। और संविधान के अनुसार सही है लिहाजा सभी याचिकाएं खारिज की जाय। अदालत ने फैसला देते हुए सभी याचिकाएं खारिज कर दी है। 

 

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