Paramhans Das: अयोध्या के महंत की घोषणा, ‘बिहार के शिक्षा मंत्री की जीभ काटने वाले को दूंगा 10 करोड़ का ईनाम’

Edited By Mamta Yadav,Updated: 12 Jan, 2023 09:54 PM

i will give a 10 crores to the person who bites tongue of the chandrashekhar

Paramhans Das: बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर ने हिंदू धार्मिक पाठ पर विवादास्पद बयान देकर अयोध्या के संतों को नाराज कर दिया है। मंत्री ने बुधवार को दावा किया था कि रामचरितमानस और मनुस्मृति समाज को बांटने वाली और नफरत फैलाने वाली किताबें हैं।

अयोध्या, Paramhans Das: बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर ने हिंदू धार्मिक पाठ पर विवादास्पद बयान देकर अयोध्या के संतों को नाराज कर दिया है। मंत्री ने बुधवार को दावा किया था कि रामचरितमानस और मनुस्मृति समाज को बांटने वाली और नफरत फैलाने वाली किताबें हैं।

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‘मंत्री के खिलाफ कार्रवाई नहीं हुई तो साधु-संत चुप नहीं रहेंगे’
इसके जवाब में तपस्वी छावनी के महंत परमहंस दास ने घोषणा की कि चंद्रशेखर की जीभ काट कर लाने वाले को 10 करोड़ रुपए का ईनाम दिया जाएगा और ऐसे मंत्री को तुरंत बर्खास्त किया जाना चाहिए। राम जन्मभूमि मंदिर के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने भी इस बयान पर कड़ी नाराजगी जताई है। उन्होंने कहा कि अगर मंत्री के खिलाफ कार्रवाई नहीं हुई तो साधु चुप नहीं रहेंगे। उन्होंने मंत्री से अपनी टिप्पणी के लिए माफी मांगने को कहा और कहा कि रामचरितमानस एक ऐसा ग्रंथ है जो लोगों को जोड़ता है और मानवता की स्थापना करता है।

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मनुस्मृति, रामचरितमानस... नफरत फैलाने वाली किताबें हैं
गौरतलब है कि बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर ने बुधवार को कहा था कि मनुस्मृति, रामचरितमानस, गुरु गोलवलकर की बंच ऑफ थॉट्स… ये किताबें नफरत फैलाने वाली किताबें हैं। नफरत से देश महान नहीं बनेगा, प्रेम देश को महान बनाएगा। मंत्री ने कहा था कि मनुस्मृति को क्यों जलाया गया, क्योंकि इसमें एक बड़े तबके के खिलाफ कई गालियां दी गई थीं। रामचरितमानस का विरोध क्यों किया गया और किस भाग का विरोध किया गया? निचली जाति के लोगों को शिक्षा प्राप्त करने की अनुमति नहीं थी और रामचरितमानस में कहा गया है कि निम्न जाति के लोग शिक्षा प्राप्त करने से वैसे ही जहरीले हो जाते हैं जैसे दूध पीने के बाद सांप बन जाता है। यह समाज में दलितों-पिछड़ों और महिलाओं को शिक्षा प्राप्त करने से रोकता है।

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