Edited By Ruby,Updated: 28 Dec, 2018 03:22 PM
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने अमरोहा जिले के धनौरा मंडी थाने में पुलिस हिरासत में एक दलित की मौत के प्रकरण में उत्तर प्रदेश सरकार को शुक्रवार को नोटिस भेजा। धनौरा मंडी थाने में 26 दिसंबर को पुलिस हिरासत के दौरान 30 वर्षीय दलित युवक की मौत से संबंधित...
लखनऊः राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने अमरोहा जिले के धनौरा मंडी थाने में पुलिस हिरासत में एक दलित की मौत के प्रकरण में उत्तर प्रदेश सरकार को शुक्रवार को नोटिस भेजा। धनौरा मंडी थाने में 26 दिसंबर को पुलिस हिरासत के दौरान 30 वर्षीय दलित युवक की मौत से संबंधित मीडिया खबरों पर स्वत: संज्ञान लेते हुए आयोग ने उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव एवं पुलिस महानिदेशक को नोटिस जारी कर चार सप्ताह के भीतर विस्तृत रिपोर्ट तलब की है।
आयोग ने स्पष्टीकरण मांगा कि पुलिस हिरासत में हुई उक्त मौत के बारे में आयोग को सूचित क्यों नहीं किया गया। पुलिस ने चोरी के एक प्रकरण में दलित युवक को 23 दिसंबर को गिरफ्तार किया था। युवक के परिजनों का आरोप है कि पुलिसर्किमयों ने उसे छोड़ने के लिए पांच लाख रुपये की रिश्वत मांगी थी, जो वे नहीं दे सके। उसके बाद युवक को बर्बर यातना दी गई। आयोग ने कहा कि अगर मीडिया खबरों में आई बात सही है तो यह पीड़ित के मानवाधिकार का घोर उल्लंघन है।
आयोग ने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार की रिपोर्ट में यह भी शामिल होना चाहिए कि अनुसूचित जाति एवं जनजाति कानून एवं नियमों के तहत मृतक के परिजनों को कोई आर्थिक या अन्य राहत प्रदान की गई या नहीं । मृतक के परिजनों का आरोप है कि वे लोग एक विवाह में शामिल होने के बाद घर लौट रहे थे, उसी समय पुलिस ने युवक को उठा लिया। उसे बिना किसी शिकायत हवालात में रखा गया और कथित तौर पर यातना दी गई। आयोग ने एक विज्ञप्ति में कहा कि संबंधित थाने के प्रभारी सहित 11 पुलिसर्किमयों को निलंबित किया गया है।