Edited By Tamanna Bhardwaj,Updated: 02 May, 2021 11:12 AM
कोरोना संकट के बीच राजधानी लखनऊ से भयावह तस्वीरें सामने आई हैं। जहां होम होम आइसोलेशन में रहने के दौरान बाप-बेटे की मौत हो गई, लेकिन 4 दिनों तक किसी ने दोनों की सुध नहीं ली। बदबू आने पर 4 दिनों को बाद शवों को बाहर निकाला गया। वहीं इस दौरान घर...
लखनऊ: कोरोना संकट के बीच राजधानी लखनऊ से भयावह तस्वीरें सामने आई हैं। जहां होम होम आइसोलेशन में रहने के दौरान बाप-बेटे की मौत हो गई, लेकिन 4 दिनों तक किसी ने दोनों की सुध नहीं ली। बदबू आने पर 4 दिनों को बाद शवों को बाहर निकाला गया। वहीं इस दौरान घर में उनकी दिव्यांग पत्नी रंजना गोयल थी, जिन्हें गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, एलडीए कालोनी मकान नम्बर 215 में अरविंद गोयल का परिवार रहता था। शाम के वक्त स्थानीय लोगों ने दुर्गंध आने की सूचना दी। जिसके बाद पुलिस मौके पर पहुंची। दरवाजा तोड़ कर पुलिस मकान में दाखिल हुई। जहां अरविंद और आशीष के शव अलग-अलग कमरों में पड़े मिले। अरविंद की पत्नी रंजना भी घर में थीं। रंजना चल नहीं सकती थीं। ऐसे हालात में वह घर में ही मौजूद थी। उनके सामने पति का शव पड़ा था। खुद रंजना भी कोरोना संक्रमित थीं। उनकी तबीयत भी काफी खराब थी। पति और बेटे की मौत का पता चलने के बाद रंजना ने मदद के लिए कई बार आवाज दी। लेकिन उनकी आवाज़ लोगों तक नहीं पहुंच पाई। चार दिन तक रंजना अपने पति और बेटे के शव के साथ घर में ही बंद रहीं।
पड़ोसियों ने पुलिस को बताया कि कोरोना संक्रमित होने के बाद से परिवार आइसोलेशन में रह रहा था। अक्सर आशीष और अरविंद ही घर से बाहर आते थे। चार दिन से वह दोनों भी किसी को नजर नहीं आए थे। पड़ोसियों के अनुसार अरविंद की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं थी। महामारी की वजह से लोग घरों से बाहर नहीं निकल रहे, इसलिए पूरे इलाका सुनसान रहता है। जिसके चलते किसी भी गतिविधि का पता नहीं चल सका।