Edited By Pooja Gill,Updated: 06 Jul, 2024 12:23 PM
UP News: उत्तर प्रदेश के देवरिया निवासी शहीद कैप्टन अंशुमान सिंह की वीरता के लिए उन्हें मरणोपरांत कीर्ति चक्र देकर सम्मानित किया गया है। यह पुरस्कार राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने शहीद कैप्टन अंशुमान सिंह की पत्नी और मां को दिया है...
UP News: उत्तर प्रदेश के देवरिया निवासी शहीद कैप्टन अंशुमान सिंह की वीरता के लिए उन्हें मरणोपरांत कीर्ति चक्र देकर सम्मानित किया गया है। यह पुरस्कार राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने शहीद कैप्टन अंशुमान सिंह की पत्नी और मां को दिया है। जब अंशुमान सिंह की पत्नी सम्मान लेने पहुंची तो उनकी हिम्मत और जज्बे को देख हर कोई शहीद की शहादत को याद करने लगा।
अपनी जान की परवाह किए बिना बचाई थी सैनिकों की जान
बता दें कि 19 जुलाई 2023 को सियाचिन ग्लेशियर में सेना के बंकरों में अचानक आग लग गई थी। जैसे ही अंशुमान सिंह ने जवानों को आग के बीच देखा, वह बंकर में घुस गए। इस दौरान कैप्टन अंशुमान सिंह ने 4 जवानों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया। लेकिन, वह खुद ही अंदर फंस गए और झुलस गए। इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई। अंशुमान सिंह पूर्वांचल के देवरिया जिले के रहने वाले थे। आज उनकी शहादत को सम्मान दिया गया है।
राष्ट्रपति ने किया बलिदान देने वाले जवानों को सम्मानित
राष्ट्रपति भवन में आज रक्षा अलंकरण समारोह के प्रथम चरण में सशस्त्र बलों, केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों और राज्य एवं संघ शासित प्रदेश पुलिस के कर्मियों को 10 कीर्ति चक्र (सात मरणोपरांत) और 26 शौर्य चक्र (सात मरणोपरांत) प्रदान किए गए। इस दौरान देवरिया के रहने वाले कैप्टन अंशुमान सिंह को भी मरणोपरांत कीर्ति चक्र से सम्मानित किया गया। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा शुक्रवार को देश की रक्षा मेंं अदम्य साहस, बलिदान और समर्पण दिखाने वाले जवानों को सम्मानित किया गया।
यह भी पढ़ेंः UP सरकार ने बाढ़ से निपटने के लिए की व्यापक तैयारियां, अति संवेदनशील और संवेदनशील क्षेत्रों में स्थापित की बाढ़ चौकियां
उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने बाढ़ से निपटने के लिए पूरे राज्य में व्यापक तैयारियां की हैं। 24 अति संवेदनशील और 16 संवेदनशील क्षेत्रों में 612 बाढ़ चौकियां स्थापित की गई हैं, जहां एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और पीएसी के जवान तैनात किए गए हैं। अधिकारियों ने जानकारी देते हुए बताया कि इन चौकियों का उद्देश्य बाढ़ की स्थिति को प्रभावी ढंग से प्रबंधित करना, जनहानि और संपत्ति के नुकसान को कम करना है। इसके अलावा बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में रहने वाले लोगों की सहायता के लिए 40 में से 39 जिलों में खाद्यान्न की निविदा प्रक्रिया सफलतापूर्वक पूरी कर ली गई है।