Edited By Pooja Gill,Updated: 01 Dec, 2025 10:27 AM

UP Desk: केंद्र सरकार गुटखा और पान मसाला उद्योग पर कड़ा वित्तीय नियंत्रण लागू करने की तैयारी में है। बढ़ते सेवन, स्वास्थ्य पर खतरे और टैक्स चोरी की शिकायतों को देखते हुए सरकार ‘नेशनल सिक्योरिटी और जन–स्वास्थ्य सेस’...
UP Desk: केंद्र सरकार गुटखा और पान मसाला उद्योग पर कड़ा वित्तीय नियंत्रण लागू करने की तैयारी में है। बढ़ते सेवन, स्वास्थ्य पर खतरे और टैक्स चोरी की शिकायतों को देखते हुए सरकार ‘नेशनल सिक्योरिटी और जन–स्वास्थ्य सेस’ नाम का नया टैक्स लाने जा रही है। इसका उद्देश्य इन उत्पादों के निर्माताओं पर सख्ती बढ़ाने के साथ-साथ राष्ट्रीय सुरक्षा और सार्वजनिक स्वास्थ्य योजनाओं के लिए अतिरिक्त फंड जुटाना है। आज शीतकालीन सत्र में सरकार ‘हेल्थ सिक्योरिटी से नेशनल सिक्योरिटी सेस बिल 2025’ पेश करेगी। इसे स्वास्थ्य और सुरक्षा ढांचे को मजबूत करने की दिशा में बड़ा आर्थिक कदम माना जा रहा है।
जानिए इसके मुख्य बिंदु—
1. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण लोकसभा में यह बिल पेश करेंगी। इसका लक्ष्य राष्ट्रीय सुरक्षा और स्वास्थ्य मिशनों के लिए अतिरिक्त पैसा जुटाना है।
2. नया सेस मशीनों और पूरी उत्पादन प्रक्रिया पर लगेगा। यानी टैक्स उत्पाद के तैयार होने की मात्रा पर नहीं, बल्कि उत्पादन क्षमता पर तय होगा।
3. मशीन से या हाथ से—दोनों तरह से उत्पादन करने वाले सभी निर्माताओं को हर महीने सेस भरना अनिवार्य होगा। हाथ से बनाने वालों के लिए भी निश्चित मासिक शुल्क तय किया जाएगा।
4. संसद से मंजूरी के बाद इस सेस से मिलने वाला पैसा राष्ट्रीय सुरक्षा और पब्लिक हेल्थ प्रोजेक्ट्स पर खर्च होगा। जरूरत पड़ने पर सरकार इस सेस को दोगुना भी कर सकती है।
5. नियम तोड़ने पर अधिकतम 5 साल की जेल का प्रावधान रखा गया है, हालांकि कंपनियां अपील के जरिए सुप्रीम कोर्ट तक जा सकेंगी।
6. हर गुटखा और पान मसाला निर्माता का रजिस्ट्रेशन अनिवार्य होगा। बिना रजिस्ट्रेशन के उत्पादन करना अवैध माना जाएगा।
7. जिन कंपनियों पर यह सेस लागू होगा उन्हें हर महीने रिटर्न जमा करना होगा। सरकार के अधिकारी इनके उत्पादन की जांच और ऑडिट भी करेंगे।
8. यदि कोई मशीन या उत्पादन प्रक्रिया 15 दिनों से ज्यादा बंद रहती है, तो उस अवधि के लिए सेस में छूट मिल सकती है।
9. माना जा रहा है कि यह बिल तंबाकू और पान मसाला उद्योग पर नकेल कसने और सरकार के राजस्व में बढ़ोतरी करने की दिशा में सबसे बड़ा कदम साबित होगा।