खुशखबरीः सिविल सर्विसेज में संस्कृत चुनने वाले विद्यार्थियों को मिलेगी छात्रवृत्ति, देखें पूरा विवरण

Edited By Ajay kumar,Updated: 10 Feb, 2020 05:26 PM

good news students choosing sanskrit in civil

विश्व की सबसे पुरानी भाषा जिसे सुरभारती भी कहा जाता है। संस्कृत को आठवीं अनुसूची में भी शामिल किया गया है। संस्कृत भाषा को चाहने वाले भी...

गोरखपुरः विश्व की सबसे पुरानी भाषा जिसे सुरभारती भी कहा जाता है। संस्कृत को आठवीं अनुसूची में भी शामिल किया गया है। संस्कृत भाषा को चाहने वाले भी कई हैं। ऐसे में खुशखबरी है कि अब सिविल सर्विसेज की मुख्य परीक्षा में संस्कृत को वैकल्पिक विषय के रूप में चुनने वाले अभ्यर्थियों को दीनदयाल उपाध्‍याय गोरखपुर विश्‍वविद्यालय परीक्षा की तैयारी कराएगा। उत्तर प्रदेश संस्कृत संस्थान के तत्वावधान में इसके लिए संस्कृत विभाग में बाकायदा प्रशिक्षण का आयोजन होगा। प्रशिक्षण मार्च के प्रथम सप्ताह से शुरू होकर तीन माह तक चलेगा। इस दौरान पूरे पाठ्यक्रम की तैयारी कराई जाएगी।

UP का ऐसा पहला विश्वविद्यालय है जहां संस्कृत में कराई जाएगी तैयारी
बता दें कि यह UP का पहला विश्वविद्यालय है जहां संस्कृत में सिविल सर्विसेज की तैयारी कराई जाएगी। प्रशिक्षण के लिए विश्वविद्यालय के संस्कृत विभाग ने आवेदन पत्र आमंत्रित करना शुरू कर दिया है। 20 फरवरी तक आवेदन पत्र जमा करने के बाद चयन के लिए 25 फरवरी को लिखित परीक्षा होगी। जिसमें 50 अभ्यर्थियों का चयन किया जाएगा। इसमें वही अभ्यर्थी सम्मिलित होंगे, जो स्नातक उत्तीर्ण हैं। उनकी आयु 21 से 35 वर्ष के मध्य हो।

जाने-माने विशेषज्ञ देंगे प्रशिक्षण
प्रशिक्षण के लिए विश्वविद्यालय में देश के जाने-माने विशेषज्ञ उपलब्ध होंगे। इसके लिए विभागाध्यक्ष विशेषज्ञों से संपर्क साधने में जुट गए हैं। उनकी अनुमति मिलने पर उन्हें प्रशिक्षण के लिए विभाग की ओर से आमंत्रित किया जाएगा।

तीन हजार रुपये मिलेगी मासिक छात्रवृत्ति
BA संस्कृत में जिनके अच्छे अंक होंगे जो UP संस्कृत संस्थान के निर्धारित मानकों को पूरा करेंगे उन अभ्यर्थियों को 3000 रुपये प्रतिमाह छात्रवृत्ति दी जाएगी। यह छात्रवृत्ति पाठ्यक्रम समाप्ति तक जारी रहेगी।

ऐसे करें आवेदन
दीनदयाल उपाध्‍याय गोरखपुर विश्‍वविद्यालय के संस्‍कृत विभाग के अध्‍यक्ष प्रो. मुरली मनोहर पाठक ने बताया कि UP संस्कृत संस्थान ने संस्कृत विषय को बढ़ावा देने के लिए यह विशेष योजना गोरखपुर विश्‍वविद्यालय में शुरू की है। आवेदन पत्र का कोई तय प्रारूप नहीं है। अभ्यर्थी को सादे कागज पर अपना विवरण लिखकर समस्त मूल प्रमाण पत्रों की प्रमाणित छायाप्रति के साथ विभाग में कार्यालय अवधि में जमा करनी होगी।

प्रतिदिन साढ़े चार घंटे प्रशिक्षण
विभागध्‍यक्ष ने कहा कि प्रशिक्षण प्रतिदिन साढ़े चार घंटे चलेगी। डेढ़-डेढ़ घंटे की दो सामान्य अध्ययन की कक्षाओं के अलावा डेढ़ घंटे संस्कृत का पाठ्यक्रम पढ़ाया जाएगा। कक्षाएं दोपहर बाद 2 से शाम साढ़े छह बजे तक चलेंगी। इसमें 75 फीसद से अधिक उपस्थिति अनिवार्य होगी। 

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