उम्र कैद की सजा सुनते ही फूट-फूटकर रोने लगे गायत्री प्रजापति, कहा- नार्को टेस्ट के लिए कहता रहा लेकिन सरकार...

Edited By Umakant yadav,Updated: 13 Nov, 2021 03:25 PM

gayatri started crying after hearing the sentence of life imprisonment

समाजवादी पार्टी की सरकार में खनन मंत्री रहे गायत्री प्रजापति को एमपी एमएलए कोर्ट ने उम्रकैद की सजा सुनाई। सजा सुनने के बाद पूर्व मंत्री ने सिर पकड़ लिया। चेहरे पर खामोशी और आंखें नम हो गई। पूरे परिसर में सन्नाटा फैल गया।

लखनऊ: समाजवादी पार्टी की सरकार में खनन मंत्री रहे गायत्री प्रजापति को एमपी एमएलए कोर्ट ने उम्रकैद की सजा सुनाई। सजा सुनने के बाद पूर्व मंत्री ने सिर पकड़ लिया। चेहरे पर खामोशी और आंखें नम हो गई। पूरे परिसर में सन्नाटा फैल गया। गायत्री ने खुद को संभाला और सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि ये फैसला गलत आया है, मैं निर्दोष हूँ। सरकार के दबाव में ये फैसला सुनाया गया है। राजनीतिक विरोधियों द्वारा साजिश के तहत मुझे फंसाया गया है। मैं अमेठी से चुनाव लड़ना चाहता था, लेकिन एक कुम्हार का बेटा चुनाव न लड़े इसलिए मुझे फंसाया गया है। मैं लगातार नार्को टेस्ट के लिए कहता रहा लेकिन इस सरकार ने नहीं कराया। मेरी गवाही, बयान और साक्ष्य नहीं लिए गए। मुझे उच्च न्यायालय पर विश्वास है मुझे न्याय मिलेगा।
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गायत्री प्रजापति के अधिवक्ता सुनील सि‍ह ने फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट में अपील करने की बात कही है। शुक्रवार को फैसले के बाद अधिवक्ता ने आरोप लगाया कि पूरा मुकदमा राजनीतिक दबाव में लड़ा गया है। उन्हें हाईकोर्ट पर पूरा भरोसा है। उधर, सजा सुनाये जाने के बाद कोर्ट से निकलते समय गायत्री प्रजापति ने कहा कि मेरा जीवन बर्बाद हो गया। मैं बेटियों की शादी नहीं कर पाया। दो बार जमानत हुई, उसे निरस्त करा दी गई। दुष्कर्म के मामले में कोर्ट ने गायत्री के साथ उसके 3 सहयोगियों को भी उम्र कैद की सजा सुनाई है। वहीं, चार अन्य आरोपियों विकास वर्मा, रूपेश्वर, अमरेंद्र सिंह उर्फ पिंटू और चंद्रपाल को उनके खिलाफ सबूतों के अभाव में बरी कर दिया था।

जानें क्या है पूरा मामला?
प्रदेश में समाजवादी पार्टी के दौरान गायत्री प्रजापति कैबिनेट मंत्री थे। 2013 में वह पीड़िता के संपर्क आए। आरोप है कि गायत्री और उनके सहयोगी 2014 से 2016 तक पीड़िता के से दुष्कर्म किए। पीड़िता के अनुसार, मंत्री के खौफ की वजह से वह चुप-चाप सहन कर रही थी। पीड़िता ने बताय़ा कि जब बात मेरी बेटी तक आई तो वह चुप नहीं रह सकी। 2017 में उसने मंत्री समेत उसके सभी सहयोगियों पर केस दर्ज करा दी। पीड़िता की तहरीर पर पुलिस कार्रवाई करते हुए मंत्री समेत सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर ली। तभी से गायत्री जेल में बंद था और मामला एमपी-एमएलए कोर्ट देख रही थी।

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