साइबेरिया से सात समुंदर पार कर संगम तट पहुंचे विदेशी मेहमान, गुलजार हुई संगम नगरी…VIDEO

Edited By Mamta Yadav,Updated: 27 Oct, 2023 10:27 PM

गुलाबी ठंड शुरू हो चुकी है...सुबह-शाम मौसम सर्द होने लगा है...ऐसे में अगर आप कहीं घूमने का प्लान बना रहे हैं तो प्रयाग की पावन धरती एक अच्छा विकल्प हो सकती है...प्रयागराज स्थित त्रिवेणी संगम में इन दिनों प्रकृति का अद्भुत नजारा है...जो लोगों को बेहद...

Prayagraj News: गुलाबी ठंड शुरू हो चुकी है...सुबह-शाम मौसम सर्द होने लगा है...ऐसे में अगर आप कहीं घूमने का प्लान बना रहे हैं तो प्रयाग की पावन धरती एक अच्छा विकल्प हो सकती है...प्रयागराज स्थित त्रिवेणी संगम में इन दिनों प्रकृति का अद्भुत नजारा है...जो लोगों को बेहद पसंद आ रहा है....जी हां…गुलाबी ठंडी, संगम का सुंदर नजारा, नाव का समूह, कर्मकांड में लगे लोग, मंदिरों के घंटे और सुकून के कुछ पल....

बता दें कि संगम के नजारों में मीलों दूर से आए विदेशी मेहमान-साइबेरियन पक्षी  इन दिनों चार चांद लगा रहे है...सुबह-शाम लोग बड़ी संख्या में त्रिवेणी संगम पहुंच रहे हैं और वहां के नजारे का लुत्फ ले रहे हैं...यह सफेद पक्षी संगम में कलरव करते नजर आ रहे हैं...मानो संगम की लहरें सफेद चादर से ढक दी गई हो....इबेरियन पक्षी हर साल प्रयागराज संगम तट पर अक्टूबर से मार्च तक ही नजर आते हैं...इन 4 महीनों में संगम का नजारा अद्भुत होता है....साइबेरियन पक्षी अक्टूबर के अंत में भारी संख्या में यहां पहुंचते हैं और मार्च तक डेरा जमाए रहते हैं....हजारों की संख्या में पहुंचने वाले ये नारंगी चोंच के सफेद पक्षी हवा में उड़ते भी हैं और पानी में तैरते हैं....

दरअसल, साइबेरिया पक्षी मूल रूप से रूस में पाए जाते हैं....ठंडियों में यह भिन्न-भिन्न देशों से यात्रा करते हुए हर साल भारत भी पहुंचते हैं....यह पक्षी रूस के साइबेरिया प्रांत से आते हैं...जब वहां सर्दियों की समय मौसम का तापमान-30 से 40 डिग्री पहुंच जाता है तो यह विदेशी मेहमान भोजन, प्रजनन और आवास के लिए गर्म स्थानों की ओर रुख करते हैं...क्योंकि ऐसे में इन पक्षियों का वहां गुजारा करना मुश्किल हो जाता है...भोजन की दिक्कत और जीवन के संकट को देखते हुए ही यह अन्य देशों की तरफ रुख करते हैं....दरअसल ठंड के समय इनके द्वारा ग्रहण किए जाने वाले छोटे-मोटे कीड़े या तो ठंड से मर जाते हैं या शीत निद्रा में चले जाते हैं...भयंकर ठंडी में इनका जीवन भी मुश्किल में होता है...भारी बर्फ जमने के कारण इनका रहना मुश्किल हो जाता है...

ऐसे में यह पक्षी बड़े समूह में गरम स्थानों की ओर रुख करते हैं....साइबेरियन पक्षियों का समूह साइबेरिया से यूरोप के विभिन्न देशों से होते हुए अफगानिस्तान, मंगोलिया पहुंचता है और वहां से दो हिस्सों में बट जाता है....एक हिस्सा चीन की तरफ और दूसरा महाराष्ट्र से होते हुए प्रयागराज और अलग-अलग स्थानों पर पहुंचता है...साइबेरियन पक्षी झुंड में घूमते हुए 14620 किलोमीटर की लंबी दूरी तय करके साइबेरिया से भारत पहुंचते हैं...आपको बता दें कि इन पक्षियों का मीलों का सफर आसान नहीं होता है...रास्ते में तूफान,आंधी,भूख के चलते कई पक्षी मर जाते हैं और कुछ बिछड़ भी जाते हैं....लेकिन फिर भी आखिरकार अपने गंतव्य में सब एक साथ पहुंच जाते हैं....

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