Edited By Tamanna Bhardwaj,Updated: 05 Sep, 2018 12:13 PM
फर्रुखाबाद में रामगंगा और गंगा नदी के बढ़े जलस्तर से बाढ़ और विकराल हो रही है। इससे ग्रामीण को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। कई गांव में ग्रामीण घर की छतों पर खाना बनाने को मजबूर हैं। इस आपदा से जूझ रहे लोग चावल खाकर गुजारा कर रहे हैं। लोगों...
फर्रुखाबादः फर्रुखाबाद में रामगंगा और गंगा नदी के बढ़े जलस्तर से बाढ़ और विकराल हो रही है। इससे ग्रामीण को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। कई गांव में ग्रामीण घर की छतों पर खाना बनाने को मजबूर हैं। इस आपदा से जूझ रहे लोग चावल खाकर गुजारा कर रहे हैं। लोगों के घरों में राशन तक खत्म हो गया है।
70 गांवों में चारों ओर बाढ़ का पानी ही पानी
बता दें कि जिले के लगभग 70 गांवों में चारों ओर बाढ़ का पानी ही पानी है। घरों के अंदर भी पानी घुसा हुआ है। यहां कई परिवारों का खाना घरों में पानी भरा होने से छतों पर पकाया जा रहा है। हालांकि प्रशासन ने अभी यहां के लोगों को मदद दी थी। मंझा की मड़ैया गांव का भी कुछ ऐसा ही हाल है। यहां तो लोग पानी से घिरे हुए हैं। यहां भी लोगों के पास दिक्कतें बढ़ रही हैं।
बाढ़ से लोग परेशान
आशा की मड़ैया, उदयपुर, सबलपुर, जगतपुर, कंचनपुर, कुड़री सारंग, करनपुर, नगला दुर्गू, हरसिंहपुर कायस्थ आदि गांव में लोग बाढ़़ के पानी को लेकर परेशान हो रहे हैं। यह गांव बाढ़ के पानी से इस कदर घिरा है कि यहां राजस्व टीम जाने की हिम्मत नहीं जुटा पा रही है।
डीएम ने ग्रामीणों को पूरी मदद का दिया भरोसा
सांसद मुकेश राजपूत और जिलाधिकारी मोनिका रानी ने नगला दुर्ग, कछुआगाड़ा, सुंदरपुर, पट्टी भरखा सहित आधा दर्जन गांव में वह नाव पर सवार होकर पहुंचे। बाढ़ से प्रभावित लोगों को तिरपाल व अन्य राहत दी। ग्रामीणों को पूरी मदद का भरोसा दिया। जिलाधिकारी मोनिका रानी ने बताया कि क्षेत्र में नजर रखी जा रही है। पूरी राजस्व टीम अलर्ट है। कहीं कोई अभी बड़ी दिक्कत नहीं आई है। बस बाढ़ का पानी ही भरा है।