Edited By Tamanna Bhardwaj,Updated: 19 Sep, 2019 11:55 AM
प्रयागराज में लगातार गंगा और यमुना नदियों का जलस्तर में तेजी से बढ़ोतरी हो रही है। दोनों नदियां खतरे के निशान को पार कर चुकी हैं। गंगा 1 सेंटीमीटर प्रति घंटा जबकि यमुना दो से अधिक सेंटीमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से बढ़ रही है। जिसके चलते...
प्रयागराजः प्रयागराज में लगातार गंगा और यमुना नदियों का जलस्तर में तेजी से बढ़ोतरी हो रही है। दोनों नदियां खतरे के निशान को पार कर चुकी हैं। गंगा 1 सेंटीमीटर प्रति घंटा जबकि यमुना दो से अधिक सेंटीमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से बढ़ रही है। जिसके चलते लोग सहमें हुए हैं। अब तक तकरीबन 5000 से ज्यादा घर प्रभावित हो चुके हैं और दर्जनों मोहल्ले बाढ़ की चपेट में आ गए हैं।
प्रयागराज को ड्रोन कैसरे से देखा गया तो हर जगह पानी ही पानी नजर आया। प्रयागराज में सबसे ज्यादा प्रभावित छोटा बघाड़ा, दारागंज, रसूलाबाद और गौस नगर का क्षेत्र हुआ है। करेली थाना क्षेत्र की गौस नगर में कई मकान बाढ़ की गिरफ्त में दिखे और लोग सीढ़ी लगाकर के नीचे उतरते दिखाई दिए। बाढ का पानी आने से गौस नगर की सड़कों पर नाव चल रही है, जबकि कई लोग घरों में कैद हैं।लगातार बढ़ रहे जलस्तर से लोगों में खौफ बना हुआ है।
हालांकि ज़िला प्रशासन ने जिले के शहरी इलाके के सभी स्कूलों को 21 सितंबर तक बंद करने का आदेश दे दिया है। 2013 और 2016 के बाद 2019 में बाढ़ जैसे हालात प्रयागराज में देखे जा रहे हैं। बताया जा रहा है कि अगले दो दिनों में चंबल से छोड़ा गया पानी भी प्रयागराज में आने वाला है। इसकी सूचना मिलते ही लोगों में खलबली मची हुई है।
गौस नगर में बद से बदतर हालात हो चुके हैं और लोग सहमे हुए हैं। इस इलाके में पानी भरने से तकरीबन 500 घरों में बिजली के कनेक्शन को काट दिया गया है, जबकि द ट्रांसफार्मर को भी शिफ्ट कर दिया है। इस इलाके में भी नाव हीं पर एकमात्र लोगों के जीवन का सहारा बनी हुई है। बच्चे ना तो स्कूल जा पा रहे हैं और ना ही ट्यूशन तो बड़े बुजुर्ग भी घर में कैद हो गए हैं।