Edited By Deepika Rajput,Updated: 16 Sep, 2018 04:21 PM
बसपा सुप्रीमो मायावती ने उत्तर प्रदेश में तेजी से पांव पसार रहे भीम आर्मी की वैधता पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि कुछ संगठनों ने दलित राजनीति को धंधा बना लिया है, जिनसे सावधान रहने की जरूरत है। सहारनपुर में एक व्यक्ति मुझे 'बुआ' कहकर संबोधित कर खून के...
लखनऊः बसपा सुप्रीमो मायावती ने उत्तर प्रदेश में तेजी से पांव पसार रहे भीम आर्मी की वैधता पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि कुछ संगठनों ने दलित राजनीति को धंधा बना लिया है, जिनसे सावधान रहने की जरूरत है। सहारनपुर में एक व्यक्ति मुझे 'बुआ' कहकर संबोधित कर खून के रिश्ते की दुहाई दे रहा है। मैं ऐसे किसी व्यक्ति को नहीं जानती। मेरा रिश्ता सिर्फ समाज के दबे-कुचले गरीब और मजलूम से है। राजनीतिक स्वार्थ की खातिर लोग मुझसे रिश्ता जोड़ रहे हैं।
बसपा अध्यक्ष ने कहा कि देश में दलित राजनीति के नाम पर संगठनों की बाढ़ आ गई है। गरीब और दलितों के हित में काम करने की अपेक्षा ये लोग अपना उल्लू सीधा करने की खातिर दलितों को अपने जाल में फंसाने में लगे हैं। भीम आर्मी जैसे संगठन समाज के सामने कहते कुछ हैं और पर्दे की पीछे करते कुछ हैं। ऐसे लोगों से समाज को सावधान रहना चाहिए। यदि ये लोग वास्तव में समाज के हितैषी हैं तो इन्हें अलग संगठन बनाने की बजाय बसपा के झंडे के नीचे दलितों की लड़ाई लड़नी चाहिए।
उन्होंने कहा कि अनुसूचित जाति/जनजाति अधिनियम को लेकर 2 अप्रैल को ऐतिहासिक भारत बंद के दौरान दलित वर्ग के सैकड़ों लोगों को बीजेपी सरकार ने जेल में डाल दिया, जो दलितों के प्रति बीजेपी की नफरत को दिखाता है। बीजेपी के नेता चुनावी लाभ की खातिर दलित संतों और नेताओं के नाम का इस्तेमाल करने में गुरेज नहीं करते। लेकिन समाज का शोषित वर्ग अब बीजेपी की सच्चाई जान चुका है और आगामी लोकसभा चुनाव में बीजेपी का सूपड़ा साफ करने को बेकरार है।