AMU विवाद में कूदे कठेरिया, कहा- सिफारिश नहीं मानी तो रुकवा दूंगा मिलने वाली सरकारी मदद

Edited By Deepika Rajput,Updated: 04 Jul, 2018 12:37 PM

do not accept recommendation will stop govt help from amu katheria

अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) में दलित आरक्षण को लेकर छिड़ी बहस में अब राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के अध्यक्ष रामशंकर कठेरिया भी कूद पड़े हैं।

अलीगढ़: अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) में दलित आरक्षण को लेकर छिड़ी बहस में अब राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के अध्यक्ष रामशंकर कठेरिया भी कूद पड़े हैं। उन्होंने एएमयू को धमकी देते हुए कहा है कि यदि वह साढ़े 22 प्रतिशत आरक्षण की व्यवस्था करने की आयोग की सिफारिश का अनुपालन नहीं करता है तो वह इस संस्थान को मिलने वाली सरकारी मदद रुकवा देंगे। 

कठेरिया ने एएमयू के वरिष्ठ अधिकारियों से मुलाकात के बाद कहा कि अगर एएमयू को अल्पसंख्यक संस्थान साबित करने के आयोग के लिखित सवाल का एक महीने के अंदर समुचित जवाब नहीं देते हैं, तो वह विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) से एएमयू को मिलने वाले सभी अनुदान रोकने को कहेंगे। 

बता दें कि सांसद सतीश कुमार गौतम ने एक बार फिर एएमयू वीसी को पत्र लिखा है। पत्र के जरिए सांसद ने पूछा है कि उनके लोकसभा क्षेत्र में स्थित केंद्रीय विश्वविद्यालय में एससी, एसटी और ओबीसी के छात्रों को प्रवेश में आरक्षण क्यों नहीं दिया जा रहा है। उन्होंने सवाल किया है कि एएमयू में वंचित वर्ग को आरक्षण के लिए विश्वविद्यालय प्रशासन ने अब तक क्या कोशिशें की हैं? 

गौरतलब है कि सीएम योगी ने कुछ दिन पहले दलितों के लिए आरक्षण का मुद्दा उठाया था। उन्‍होंने कहा था कि जो लोग दलितों के लिए चिंतित हैं, उन्‍हें इस मुद्दे को उठाना चाहिए। सीएम ने सवाल किया था कि यदि बीएचयू में दलितों को आरक्षण दिया जा सकता है तो अल्‍पसंख्‍यकों द्वारा संचालित संस्‍थानों में क्‍यों नहीं?

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