इंटरनेट के इस्तेमाल से आ रही है डिजिटल क्रान्ति: योगी

Edited By Ajay kumar,Updated: 23 Jul, 2019 08:44 AM

digital revolution yogi is coming from the internet

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को कहा कि इंटरनेट के बढ़ते उपयोग से अब डिजिटल क्रान्ति आ रही है। डाटा स्टोरेज भविष्य की अत्यन्त आवश्यक गतिविधि होगी।

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को कहा कि इंटरनेट के बढ़ते उपयोग से अब डिजिटल क्रान्ति आ रही है। डाटा स्टोरेज भविष्य की अत्यन्त आवश्यक गतिविधि होगी। ऐसे में राज्यों में डाटा सेंटरों की स्थापना आवश्यक होगी। यहां लोक भवन में सूचना प्रौद्योगिकी एवं इलेक्ट्रॉनिक्स विभाग द्वारा प्रस्तावित उत्तर प्रदेश डाटा सेंटर पॉलिसी-2019 का प्रस्तुतिकरण किया गया। 

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रस्तावित नीति के निर्धारण के संबंध में मुख्य सचिव की अध्यक्षता में एक बैठक आयोजित की जाए, जिसमें अपर मुख्य सचिव सूचना प्रौद्योगिकी एवं इलेक्ट्रॉनिक्स, अपर मुख्य सचिव वित्त तथा प्रमुख सचिव ऊर्जा भी शामिल हों। इस बैठक में नीति के विभिन्न पक्षों के संबंध में विस्तृत विचार-विमर्श किया जाए। उसके बाद इसे पब्लिक डोमेन में डालकर जनता की भी राय ली जाए। योगी ने कहा कि यह एक संवेदनशील विषय है, अतः भारत सरकार से विचार-विमर्श करते हुए उनसे भी मार्गदर्शन लिया जाए। इस नीति के निर्धारण में सभी हितधारकों के हितों का ध्यान रखा जाए। सहेज कर रखे गए डाटा की सुरक्षा पर गंभीरता से विचार किया जाए, ताकि डाटा हर हाल में सुरक्षित रहे। 

मुख्यमंत्री के समक्ष प्रस्तावित डाटा सेंटर पॉलिसी का प्रस्तुतिकरण करते हुए सूचना प्रौद्योगिकी एवं इलेक्टॉनिक्स विभाग के अपर मुख्य सचिव आलोक सिन्हा ने बताया कि इंटरनेट तथा आईटी के उपयोग से भविष्य में डाटा का इस्तेमाल बढ़ता जाएगा। इसके लिए राज्य में डाटा सेंटर स्थापित करने होंगे। उन्होंने कहा कि इनकी स्थापना से काफी बड़े पैमाने पर रोजगार सृजित होने की संभावना है। 

अयोध्या का समग्र विकास सुनिश्चित किया जाए
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को निर्देश देते हुए कहा कि अयोध्या में भगवान श्रीराम की प्रतिमा एवं अन्य मूलभूत पर्यटक सुविधाओं सम्बन्धी परियोजना के साथ-साथ क्षेत्र का समग्र विकास सुनिश्चित किया जाए। इस परियोजना के लिए उन्होंने उत्तर प्रदेश राजकीय निर्माण निगम के महाप्रबन्धक स्तर के अधिकारी को नियुक्त किए जाने और अगस्त, 2019 से इस परियोजना के लिए वास्तुविदों के चयन की प्रक्रिया आरम्भ किए जाने के निर्देश देते हुए कहा, ‘‘इस परियोजना के सम्बन्ध में पर्यटन विभाग और उत्तर प्रदेश निर्माण निगम की एक अलग टीम गठित की जाए।'' 

मुख्यमंत्री ने सोमवार को यहां लोक भवन में परियोजना के सम्बन्ध में गठित उच्चस्तरीय कमेटी की बैठक की अध्यक्षता की। उन्होंने कहा, ‘‘इस परियोजना से अयोध्या पूरे विश्वपटल पर अपने मौलिक धार्मिक, ऐतिहासिक, सांस्कृतिक एवं आध्यात्मिक विकास के साथ उभरेगी। उन्होंने इस परियोजना के सम्बन्ध में गुजरात सरकार का सहयोग लिए जाने का भी निर्देश दिया।'' बैठक में परियोजना के सम्बन्ध में मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में एक ट्रस्ट के गठन पर निर्णय लिया गया और परियोजना के मार्गदर्शन एवं तकनीकी सहायता के लिये गुजरात सरकार के साथ एमओयू हस्ताक्षर किये जाने का भी फैसला लिया गया। 

योगी आदित्यनाथ ने भगवान श्रीराम की प्रतिमा की स्थापना के लिए कॉरपोरेट सोशल रिस्पांसबिलिटी एवं अन्य इच्छुक व्यक्तियों तथा स्रोतों से वित्तीय व्यवस्था किये जाने की बात भी कही। उन्होंने कहा कि परियोजना की साइट के सर्वे तथा इनवायरमेन्ट असेसमेन्ट एण्ड फीजिबिलिटी स्टडी के लिए नीरी (नागपुर) एवं आई0आई0टी0 कानपुर का सहयोग प्राप्त किया जाए। उन्होंने परियोजना के सुचारू समन्वय एवं क्रियान्वयन हेतु वित्त, नगर विकास, वन, पर्यावरण, लोक निर्माण, सिंचाई, ऊर्जा, औद्योगिक विकास एवं आवास विभाग से एक-एक नोडल अधिकारी नामित किये जाने के भी निर्देश दिये। 

अपर मुख्य सचिव पर्यटन अवनीश कुमार अवस्थी ने मुख्यमंत्री को इस परियोजना के सम्बन्ध में अब तक हुई प्रगति से अवगत कराते हुए कहा कि अयोध्या में भगवान श्रीराम की 251 मीटर ऊंची प्रतिमा की स्थापना के सम्बन्ध में कार्रवाई की जा रही है। इस परियोजना में प्रतिमा की स्थापना के अलावा भगवान श्रीराम पर आधारित डिजिटल म्यूजियम, इण्टरप्रेटेशन सेन्टर, लाइब्रेरी, फूड प्लाजा, पार्किंग, लैण्डस्केपिंग एवं अन्य मूलभूत पर्यटक सुविधाओं का विकास शामिल हैं।

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