Edited By Deepika Rajput,Updated: 07 Feb, 2019 10:32 AM
प्रयागराज ‘कुंभ’ में गंगा, यमुना एवं सरस्वती के संगम तट पर आस्था की डुबकी लगाने वाले लाखों श्रद्धालुओं के सैलाब उमड़ने का सिलसिला बुधवार को भी जारी रहा। अधिकारिक सूत्रों का अनुमान है कि गत दिनों में काशी विश्वनाथ मंदिर में करीब 25 लाख लोगों ने बाबा...
वाराणसीः प्रयागराज ‘कुंभ’ में गंगा, यमुना एवं सरस्वती के संगम तट पर आस्था की डुबकी लगाने वाले लाखों श्रद्धालुओं के सैलाब उमड़ने का सिलसिला बुधवार को भी जारी रहा। अधिकारिक सूत्रों का अनुमान है कि गत दिनों में काशी विश्वनाथ मंदिर में करीब 25 लाख लोगों ने बाबा भोले के दर्शन किए।
मौनी अमावस्या पर सोमवार को संगम तट पर स्नान और कुंभ मेला देखने के बाद लाखों श्रद्धालुओं एवं पर्यटकों ने प्राचीन धार्मिक नगरी वाराणसी का रुख किया। बुधवार रात तक ट्रेनों एवं बसों से उनके यहां आने का सिलसिला जारी है। इस वजह से शहर के प्रमुख क्षेत्रों में यातायात जाम की स्थिति बनी रही। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक आनंद कुलकर्णी, नगर पुलिस अधीक्षक दिनेश सिंह एवं यातायात पुलिस अधीक्षक सुरेश चंद्र रावत समेत कई आला अधिकारी जगह-जगह खुद सड़कों पर चलकर व्यवस्था बनाए रखने की कोशिश में जुटे रहे। अधिकांश जगहों पर पुलिस मुस्तैद दिखी। सुरक्षाकर्मियों और वाहन चालकों के बीच कई जगहों पर नोक-झोंक भी हुई।
काशी विश्वनाथ मंदिर के आसपास की सड़कों पर तड़के 4 बजे से कतारें लगने का शुरु हुआ सिलसिला देर शाम तक जारी रहा। बाबा के दर्शन के लिए ढाई-तीन किलोमीटर लंबी कतारें दिनभर लगी रहीं। चार-पांच घंटे लंबे इंतजार के बाद बहुत से श्रद्धालु बाबा के दर्शन कर सके, लेकिन उनके उत्साह में कोई कमी नहीं दिखी। वे रुक-रुक कर ‘‘हर-हर महादेव और बाबा विश्वनाथ की जय’’ के जयकारे लगाते रहे।