Edited By Deepika Rajput,Updated: 05 Jun, 2018 11:02 AM
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि किसानों की मदद के लिए चलाई जा रही फसल बीमा योजनाआें में सुधार की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि अलग-अलग फसलों के प्रीमियम निर्धारण को तर्कसंगत बनाया जाना चाहिए ताकि किसानाें को इसका लाभ मिल सके।
लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि किसानों की मदद के लिए चलाई जा रही फसल बीमा योजनाआें में सुधार की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि अलग-अलग फसलों के प्रीमियम निर्धारण को तर्कसंगत बनाया जाना चाहिए ताकि किसानाें को इसका लाभ मिल सके।
फसल बीमा योजनाआें में सुधार की आवश्यकता
मुख्यमंत्री योगी ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना की प्रगति की समीक्षा बैठक में कहा कि इस योजना के तहत किसानों के हितों के अनुरूप सुधार की आवश्यकता पड़ने पर केंद्र से अनुरोध किया जाए। उन्होंने निर्देश दिए कि किसानों की सुविधा के लिए इस योजना के तहत बीमा कवर देने वाली कंपनियों के कार्यालय जिला स्तर पर स्थापित किए जाएं। किसानों की मदद के लिए एक टोल-फ्री हेल्पलाइन नंबर भी स्थापित किया जाए।
किसानों के लिए हेल्पलाइन नंबर हो स्थापित
उन्होंने कहा कि इस योजना के तहत सेवा प्रदाता बीमा कंपनियां अपनी योजनाओं और सेवाओं का व्यापक प्रचार-प्रसार सुनिश्चित करें। अपनी फसल बीमा योजनाओं के संबंध में वाॅल राइटिंग भी करवाएं। इनके संबंध में ब्लाॅक स्तर पर कृषक गोष्ठियां भी आयोजित की जाएं और उनमें कृषकों को योजनाओं के बारे में विस्तार से जानकारी दी जाए। इन गोष्ठियों में संबंधित फसल बीमा कंपनियों के प्रतिनिधि कृषकों को जानकारी देने के लिए मौजूद रहें।
हर जिले में कृषक गोष्ठी का किया जाए आयोजन
मुख्यमंत्री ने कहा कि जो किसान ऋण नहीं ले रहे हैं, उन्हें भी फसल बीमा करवाने की सुविधा उपलब्ध कराई जाए। उन्होंने कृषि में अभिनव प्रयोगों जैसे-आॅर्गेनिक खेती, उत्पादकता बढ़ाने तथा फसल को कीटों और रोगों से बचाने के लिए गौमूत्र के प्रयोग तथा गोबर की खाद के उपयोग पर बल देते हुए कहा कि इस संबंध में हर जिले में कृषि राज्यमंत्री के नेतृत्व में एक विस्तृत कृषक गोष्ठी का आयोजन किया जाए।