कुशीनगर में बड़ी गंडक पर लगातार बढ़ रहा जलस्तर, नदी के उफान पर होने से तटबंधों पर दबाव

Edited By Pooja Gill,Updated: 08 Jul, 2024 03:56 PM

continuously rising water level on badi

कुशीनगर: नेपाल की पहाड़ियों पर हो रही लगातार बारिश के कारण कुशीनगर जिले में बड़ी गंडक नदी के जलस्तर में लगातार वृद्धि हो रही है। रविवार की रात चार लाख 40 हजार क्यूसेक पानी नदी में डिस्चार्ज किए जाने के बाद गंडक खतरे के निशान से...

कुशीनगर: नेपाल की पहाड़ियों पर हो रही लगातार बारिश के कारण कुशीनगर जिले में बड़ी गंडक नदी के जलस्तर में लगातार वृद्धि हो रही है। रविवार की रात चार लाख 40 हजार क्यूसेक पानी नदी में डिस्चार्ज किए जाने के बाद गंडक खतरे के निशान से 22 सेमी ऊपर बह रही है। इससे जिले के तीन तटबंधों पर गंडक का दबाव बढ़ गया है। एक दर्जन से अधिक गांवों में बाढ़ का पानी घुस जाने से लोगों की दुश्वारियां बढ़ गई हैं। बाढ़ के कारण पशुओं के सामने हरे चारे का संकट उत्पन्न होने लगा है।

तटबंधों पर बढ़ते दबाव प्रशासन करा रहा गांव को खाली
बता दें कि जिले के खड्डा क्षेत्र के महदेवाए शिवपुरए मरिचहवा आदि रेताक्षेत्र के आधा दर्जन गांवों के लोग ऊंचे स्थानों पर शरण लेने को मजबूर हैं। वहीं, नदी के जलस्तर में वृद्धि के बाद उस पार खेती करने गए 20 किसान भी फंस गए। बाढ़ से अब तक करीब 40 हजार लोग प्रभावित हुए हैं। इसके अलावा अब तमकुहीराज तहसील क्षेत्र में गंडक उफनाने लगी है। तटबंधों पर बढ़ते दबाव को देख प्रशासन जवही दयाल गांव को भी खाली कराने में जुटा है। इस गांव के लोगों को भी सुरक्षित स्थानों पर जाने की सलाह दी जा रही है। नेपाल के जल अधिग्रहण क्षेत्र पोखरा में पिछले एक सप्ताह से भारी बारिश के कारण वाल्मीकिनगर गंडक बैराज से लगातार डिस्चार्ज किया जा रहा है। रविवार की सुबह से लेकर शाम तक डिस्चार्ज में कमी देखने को नहीं मिली। शाम पांच बजे के करीब जिला प्रशासन को सूचना मिली कि देर रात तक गंडक बैराज से पांच लाख क्यूसेक पानी डिस्चार्ज किया गया है।

बाढ़ चौकियों व राहत शिविर को किया सक्रिय
इस सूचना से प्रशासनिक अफसर हरकत में आ गए। तहसील प्रशासन की ओर से खड्डा व तमकुहीराज तहसील क्षेत्र में अनाउंस कराकर रेतावासियों को पशुओं व सामानों के साथ ऊंचे स्थानों पर शरण लेने की बात कही गई। रविवार की रात नौ बजे नेपाल के देवघाट बैराज पर 5 लाख 71 हजार 850 क्यूसेक पानी पहुंचा तो वाल्मीकिनगर गंडक बैराज के फाटकों पर दबाव बढ़ने लगा। बैराज के सभी 36 फाटक खोल दिए गए। इसी दौरान देर रात गंडक बैराज से 4 लाख 40 हजार क्यूसेक पानी नदी में डिस्चार्ज किया गया। इससे गंडक उफना गई और खड्डा रेता क्षेत्र के मरिचहवाए शिवपुरए नारायणपुरए बसंतपुरए हरिहरपुरए विंध्याचलपुर और महदेवा के गांवों में बाढ़ का पानी पहुंच गया। लोगों के घरों में कमर तक पानी लगने के कारण वह पलायन करने लगे हैं। कुछ परिवार के सदस्य मकान बनाकर व ट्रालियों पर रहने को विवश हैं। लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने के लिए छोटी नाव की व्यवस्था की गई है जो नाकाफी साबित हो रही है। इलाके में एसडीआरएफ की टीम पहुंच गई है। बाढ़ चौकियों व राहत शिविर को सक्रिय कर दिया गया है।

गंडक नदी के जलस्तर बढ़ने से लोगों को हो रही दिक्कतें
जब इस बात की जानकारी अफसरों को हुई तो वह मौके पर पहुंच गए। नाव लगाकर सभी किसानों को सुरक्षित लाया गया। रेताक्षेत्र के नारायणपुरए शिवपुरए हरिहरपुर समेत अन्य गांवों के 20 किसान रविवार की सुबह नदी उस पार खेती करने गए थे। शनिवार की सुबह से जलस्तर में लगातार हुई वृद्धि के कारण वह सभी उस पार ही फंस गए। बिना कुछ खाए पीए किसानों ने एक झोपड़ी में शरण ली और रविवार की सुबह होते ही वह बचाव की गुहार लगाने लगे। परिजनों की ओर से भी मदद की मांग की जाने लगी। तभी इसकी जानकारी डीएम उमेश मिश्रा समेत अन्य अफसरों को हुई। इसके बाद मौके पर पहुंचे एसडीएम ऋषभ पुंडीर व तहसीलदार महेश कुमार ने नाव लगाकर सभी किसानों को नदी इस पार लाया गया। गांव के लोगों ने बताया कि हर साल बाढ़ आने पर उन्हें तमाम तरह की दिक्कतें झेलनी पड़ती हैं। इस डीएम ने आश्वासन दिया कि सरकार की तरफ से मिलने वाली सुविधाओं का लाभ उन्हें दिलाया जाएगा। गंडक नदी के जलस्तर में वृद्धि होने के बाद अमवाखास तटबंध के किमी जीरो से लेकर किमी सात तक नदी ने दबाव बना रखा है।

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