Edited By Tamanna Bhardwaj,Updated: 15 Mar, 2019 04:54 PM
उत्तर प्रदेश में कांग्रेस की दिशा और दशा संवारने के लिये शिद्दत से जुटी कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा लोकसभा चुनाव ना लडऩे की अपनी मंशा का इजहार भले ही कर चुकी हों लेकिन पार्टी की स्थानीय इकाई दवाब बनाये हुये है कि कांग्रेस नेत्री अपने...
प्रयागराजः उत्तर प्रदेश में कांग्रेस की दिशा और दशा संवारने के लिये शिद्दत से जुटी कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा लोकसभा चुनाव ना लडऩे की अपनी मंशा का इजहार भले ही कर चुकी हों लेकिन पार्टी की स्थानीय इकाई दवाब बनाये हुये है कि कांग्रेस नेत्री अपने परदादा एवं देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के प्रतिनिधित्व वाली इस सीट पर दावेदारी पेश करें।
देश के लोकतंत्र मे सबसे बड़ी पंचायत ‘संसद’ में पहुंचने के लिए 17वीं लोकसभा चुनाव का शंखनाद होते ही कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने प्रियंका गांधी को फूलपुर संसदीय क्षेत्र से चुनाव लड़ाने की आवाज फिर से बुलंद कर दी है। फूलपुर एक जमाने में कांग्रेस का गढ़ माना जाता था। आजादी के बाद पहले लोकसभा चुनाव में पंडित जवाहरलाल नेहरू के नेतृत्व में कांग्रेस पार्टी ने बहुमत का आंकड़ा पार कर देश में लोकतंत्र की स्थापना का शंखनाद किया।
देश के पहले प्रधानमंत्री को यहां की जनता ने 1952, 1957 और 1962 लगातार तीन बार सांसद में भेजा। उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के महासचिव मुकुन्द तिवारी ने शुक्रवार को कहा ‘‘ यह सच है कि पिछले महीने लखनऊ यात्रा के दौरान प्रियंका गांधी ने चुनाव नहीं लडऩे की घोषणा की थी, लेकिन बावजूद इसके कार्यकर्ता हार मानने को तैयार नहीं हैं।’’
उन्होने कहा ‘‘ प्रियंका ने चुनाव लडऩे से इंकार कर दिया है लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि हमें उनसे पुनर्विचार करने का अनुरोध नहीं करना चाहिए। आखिरकार, पार्टी को उनके निर्णय के कारण नुकसान होगा। इस मुद्दे पर अंतिम निर्णय पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी द्वारा किया जाएगा और यदि वह हमारी इच्छा के विरुद्ध निर्णय लेते हैं, तो उनका निर्णय अंतिम होगा।’’