Edited By Umakant yadav,Updated: 24 Nov, 2020 11:49 AM
उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में भ्रष्टाचार (Corruption) के खिलाफ जीरो टॉलरेंस (Zero tolerance) की नीति का पालन करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) का एक्शन है लगातार (Action Against) जारी...
लखनऊ: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में भ्रष्टाचार (Corruption) के खिलाफ जीरो टॉलरेंस (Zero tolerance) की नीति का पालन करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) का एक्शन है लगातार (Action Against) जारी। इसी बीच जनपद मेरठ में तैनात रहे उपजिलाधिकारी भूपेंद्र सिंह (SDM Bhupendra Singh) को मुख्यमंत्री ने डिमोशन का फरमान सुना दिया है। सिंह को उपजिलाधिकारी के पद से तहसीलदार के पद पर डिमोट करने का आदेश दिया है। वर्तमान में भूपेन्द्र सिंह मुजफ्फरनगर जिले में तैनात हैं।
ये है मामला?
बता दें कि मेरठ के ग्रामसभा शिवाया, जमाउल्लापुर, परगना दौराला, तहसील सरधना के राजस्व अभिलेखों में पशुचर के रूप में दर्ज 1.5830 हेक्टेयर भूमि को वर्ष 2013 में निजी बिल्डर को आवंटित कर दी गई थी। शिकायत के बाद जब इसकी जांच हुई तो भूपेंद्र सिंह की मिलीभगत का खुलासा हुआ। जानकारी मिली कि अगस्त 2016 में जनपद में एसडीएम के रूप में तैनाती के दौरान भूपेंद्र सिंह ने सरकार के हितों की उपेक्षा करते हुए, निजी हितों की पूर्ति के लिए सम्बंधित पक्षों से मिलीभगत की और रेवन्यू कोर्ट मैनुअल के खिलाफ अमलदरामद का आदेश पारित कर दिया था।
कई अन्य के खिलाफ कार्रवाई प्रक्रियाधीन
योगी सरकार ने जांच के बाद इसे कदाचार मानते हुए भूपेंद्र को पदावनत करने का आदेश दिया है। मामले में दोषी एक अन्य तत्कालीन एसडीएम, एक अपर आयुक्त, एक तहसीलदार (सेवानिवृत्त) एक राजस्व निरीक्षक व एक लेखपाल के खिलाफ भी कार्रवाई प्रक्रियाधीन है।