Edited By Umakant yadav,Updated: 06 Oct, 2020 12:29 PM
उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में निजीकरण (Privatization) के खिलाफ बिजलीकर्मियों की हड़ताल (Lightning strike) से सोमवार को लाखों घरों में अंधेरा रहा। हड़ताल से केवल आम लोगों को...
लखनऊ: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में निजीकरण (Privatization) के खिलाफ बिजलीकर्मियों की हड़ताल (Lightning strike) से सोमवार को लाखों घरों में अंधेरा रहा। हड़ताल से केवल आम लोगों को ही परेशानी नहीं झेलनी पड़ी बल्कि लखनऊ में खुद डेप्युटी सीएम, ऊर्जा मंत्री समेत कुल 36 मंत्रियों के घर भी अंधेरे में रहे। इसी बीच विद्युत कर्मचारियों के कार्य बहिष्कार को देखते हुए प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) ने आज ऊर्जा विभाग (Department of Energy) की बड़ी बैठक (Big meeting) बुलाई है। बैठक 11:30 बजे से शुरू हो गई है।
बता दें कि बैठक में वित्त मंत्री सुरेश खन्ना, ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा, मुख्य सचिव राजेंद्र कुमार तिवारी, अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश अवस्थी, प्रमुख सचिव ऊर्जा अरविंद कुमार और वित्त विभाग के अधिकारी शामिल हैं।
जानिए, क्या है पूरा मामला?
गौरतलब है कि पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड अरबों के घाटे में है, जिसके बाद सरकार ने कर्मचारियों को चेताया था. बावजूद इसके कोई सुधार नहीं हुआ. बिजली चोरी, कटिया कनेक्शन और बिजली बिल की वसूली करने में लापरवाही देखने को मिली, जिसके बाद सरकार ने इसे निजी हाथों में सौंपने का फैसला किया. जिसके विरोध में 5 अक्टूबर से बिजलीकर्मी अनिश्चितकालीन कार्य बहिष्कार कर रहे हैं.