Edited By Deepika Rajput,Updated: 14 Mar, 2019 02:43 PM
लोकसभा चुनावों के मद्देनजर उत्तर प्रदेश के राजनीतिक परिदृश्य में तेजी से परिवर्तन आ रहा है। पूर्वी उत्तर प्रदेश की कमान संभाल रही प्रियंका गांधी ने दलित वर्ग की नुमाइंदगी करने वाले भीम आर्मी के संस्थापक चंद्रशेखर आजाद से मेरठ में मुलाकात की।
लखनऊः लोकसभा चुनावों के मद्देनजर उत्तर प्रदेश के राजनीतिक परिदृश्य में तेजी से परिवर्तन आ रहा है। पूर्वी उत्तर प्रदेश की कमान संभाल रही प्रियंका गांधी ने दलित वर्ग की नुमाइंदगी करने वाले भीम आर्मी के संस्थापक चंद्रशेखर आजाद से मेरठ में मुलाकात की।
भले ही यह मुलाकात चंद मिनट की रही हो, लेकिन सियासी गलियारों में हलचल मचाने के लिए काफी है। सपा-बसपा गठबंधन में एंट्री ना होने के बाद कयास लगाए जा रहे हैं कि कांग्रेस चंद्रशेखर पर दांव लगा सकती है। चंद्रशेखर दलित-मुस्लिम यूनिटी के पक्षधर हैं, जिसके चलते कांग्रेस इस फैक्टर को ध्यान में रखकर चल रही है। आंकड़ों के मुताबिक, उत्तर प्रदेश में दलित मतदाता करीब 22 फीसदी हैं। 80 के दशक तक कांग्रेस के साथ दलित मतदाता मजबूती के साथ जुड़ा रहा, लेकिन बसपा के अस्तिव में आने के बाद दलित वोट कांग्रेस से दूर हो गया।
इतना ही नहीं मुस्लिम मतदाता भी 1992 के बाद कांग्रेस से दूर हो गया और सपा और बसपा जैसे दलों के साथ जुड़ गया। प्रियंका के सक्रिय राजनीति में उतरने के बाद से कांग्रेस इन्हीं दोनों अपने पुराने वोटबैंक को फिर से जोड़ने की रणनीति पर काम कर रही है।