Edited By Anil Kapoor,Updated: 20 Apr, 2019 11:02 AM
उत्तर प्रदेश की मैनपुरी सीट पर SP-BSP-RLD गठबंधन के उम्मीदवार सपा संस्थापक व संरक्षक मुलायम सिंह यादव के पक्ष में प्रचार करने के लिए माया व मुलायम का एक मंच पर आना कार्यकर्ताओं को एकता का संदेश दे गया। इससे कार्यकर्ताओं को लगा कि नेता....
लखनऊ: उत्तर प्रदेश की मैनपुरी सीट पर SP-BSP-RLD गठबंधन के उम्मीदवार सपा संस्थापक व संरक्षक मुलायम सिंह यादव के पक्ष में प्रचार करने के लिए माया व मुलायम का एक मंच पर आना कार्यकर्ताओं को एकता का संदेश दे गया। इससे कार्यकर्ताओं को लगा कि नेता सत्ताधारी पार्टी को हराने के लिए आपसी झगड़े भुलाकर एक मंच पर आ सकते हैं तो स्थानीय स्तर पर हम क्यों ना एक-दूसरे के लिए एकजुट होकर खड़े हो जाएं। वहीं एक-दूसरे के प्रत्याशी को जिताने के लिए एकजुट हो जाएं।
वहीं मायावती के मंच से मुलायम को पिछड़ों का असली नेता व मोदी को फर्जी नेता कहने का बसपा कार्यकर्ताओं पर खासा असर होगा। वहीं मुलायम के मंच से मायावती का आभार जताना भी सपा कार्यकर्ताओं में गहरा संदेश देगा। वहीं अगर बात करें 2014 के SP-BSP-RLD के अलग-अलग चुनाव लड़ने पर वोट प्रतिशत की तो ये आंकड़े भाजपा के लिए चिंताजनक होंगे।
बताया जा रहा है कि इसमें तीनों दलों का प्राप्त वोट प्रतिशत भाजपा के 2014 में प्राप्त वोट प्रतिशत से ज्यादा हैं। जहां 2014 के चुनाव में भाजपा ने 42.63 प्रतिशत वोट हासिल किए थे, तो वहीं सपा-बसपा-रालोद ने 42.98 प्रतिशत वोट हासिल किए। जो कि भाजपा के वोट से 0.35 प्रतिशत अधिक हैं। वहीं भाजपा सांसद लाल सिंह बड़ोदिया का कहना है कि गठबंधन का कुछ तो असर होगा, लेकिन इतना नहीं होगा जितना कहा जा रहा है, क्योंकि मोदी की आंधी अभी भी बनी हुई है।