Edited By Ajay kumar,Updated: 28 Nov, 2019 10:08 AM
केन्द्र सरकार से लेकर राज्य सरकार तक प्राथमिक शिक्षा के सुधार में लगी है। शिक्षा को कैसे बेहतर बनाया जाए इसको लेकर भी प्रयास...
बलिया: केन्द्र सरकार से लेकर राज्य सरकार तक प्राथमिक शिक्षा के सुधार में लगी है। शिक्षा को कैसे बेहतर बनाया जाए इसको लेकर भी प्रयास किया जा रहा है, मगर जमीनी हकीकत कुछ और ही बयां करती है। बलिया में एक ऐसा प्राथमिक विद्यालय भी है जो टीचर के अभाव में बंद है और बच्चे मजबूरी में अपने गांव से दूर किसी दूसरे विद्यालय में जाने को मजबूर है।
जानकारी के मुताबिक, बलिया जिले का कन्या पूर्व माध्यमिक विद्यालय टीचर के अभाव में बंद पड़ा है। इस विद्यालय में पहले एक टीचर थी जो इस वर्ष रिटायर हो गई और तब से इस विद्यालय में किसी की नियुक्ति ही नहीं हुई है। ग्रामीणों का कहना है कि विद्यालय में टीचर नहीं है इसलिए विद्यालय बंद हो चुका है, जिससे वह अपने बच्चों को पढ़ाने के लिए मजबूरी में दूसरे गांव या प्राइवेट स्कूलों में भेजकर महंगी शिक्षा देने को मजबूर हैं।
वहीं जिलाधिकारी श्रीहरि प्रताप शाही ने बताया कि पहले एक अध्यापिका थी, पर उनके रिटायर होने के बाद अभी तक किसी की नियुक्ति नहीं हुई। उन्होंने भी जांच की बात कह कर अपना पल्ला झाड़ लिया। अब जिलाधिकारी भले ही जांच करने की बात कर रहें हो लेकिन शिक्षक के अभाव में विद्यालय बंद होना कहीं न कहीं सरकार या अधिकारियों की उदासीनता ही दिखा रहा है, जिसकी वजह से बच्चे महंगी शिक्षा लेने को मजबूर हैं।