Edited By Imran,Updated: 11 Aug, 2024 02:28 PM
पूरे विश्व में संगम नगरी प्रयागराज की धार्मिक पहचान यहां के मंदिर मठ और संगम है तो दूसरी पहचान मशहूर इलाहाबादी अमरूद है। ऐसे में कुछ ही महीनों के बाद संगम की रेती पर लगने वाले देश दुनिया के सबसे बड़े धार्मिक मेले महाकुंभ का सभी लोगों को बेसब्री से...
प्रयागराज ( सैय्यद आकिब रज़ा ): पूरे विश्व में संगम नगरी प्रयागराज की धार्मिक पहचान यहां के मंदिर मठ और संगम है तो दूसरी पहचान मशहूर इलाहाबादी अमरूद है। ऐसे में कुछ ही महीनों के बाद संगम की रेती पर लगने वाले देश दुनिया के सबसे बड़े धार्मिक मेले महाकुंभ का सभी लोगों को बेसब्री से इंतज़ार है। हालांकि इस बार के महाकुम्भ में मशहूर इलाहाबादी अमरूद शोभा बढ़ाने का काम करेंगे, जिसको लेकर अधिकारियों ने अभी से तैयारी शुरू कर दी है।
मशहूर इलाहाबादी अमरूद की गुणवत्ता और पैदावार को बढ़ाने को लेकर उद्यान विशेषज्ञ वीके सिंह और उनकी टीम नए प्रयोग में जुटे हुए हैं। इसके साथ ही इस बार के महाकुंभ में आने वाले श्रद्धालु अमरूद की मिठास का स्वाद तो लेंगे ही साथ ही मशहूर इलाहाबादी अमरूद के पौधों को भी खरीदकर अपने साथ ले जा सकेंगे। ज़िला उद्यान विशेषज्ञ वीके सिंह के मुताबिक शहर के दो जगह चिन्हित किए गए हैं जहा केवल 29 रूपये में मशहूर इलाहाबादी अमरूद के पौधों को खरीद सकते हैं । आपको बता दें इस तरह की सुविधा पहली बार श्रद्धालुओं को बड़े पैमाने से दी जाएगी ।
उद्यान विशेषज्ञ वीके सिंह का कहना है कि महाकुंभ से पहले अच्छी पैदावार और गुणवत्ता के लिए फल मक्खी कीड़ों के नियंत्रण के लिए फेरोमोन ट्रैप ( फ्रूट फ्लाइ ट्रैप) का प्रयोग किया है। इस प्रयोग से नर कीड़े फस जाते हैं और उनका निषेचन न होने के कारण उनकी जनसंख्या नियंत्रित हो जाती है। फूल और फल में कीड़े भी नही पड़ते हैं। दूसरा उपयोग बरसात की फसल को नष्ट किया गया है जिससे सर्दी की फसल में इजाफा देखने को मिलेगा। इस तरह के प्रयोग प्रयागराज मंडल के बड़े बड़े बागो में किए गए हैं।
वीके सिंह, उद्यान विशेषज्ञ
महाकुंभ में आए श्रद्धालुओं का विशेष ध्यान रखते हुए इस बार मशहूर इलाहाबादी अमरूद का पौधा भी श्रद्धालु खरीद सकेंगे जो अबतक के इतिहास में पहली बार होगा। मशहूर इलाहाबादी अमरूद पौधो की कीमत 29 रूपये रखी गई है। उद्यान अधिकारी वी के सिंह का कहना है की आने वाले श्रद्धालु संगम स्नान के बाद इलाहाबादी अमरूद का स्वाद तो लेंगे ही साथ ही जब अपने जिलों को लौटेंगे तो घर पर जाकर इलाहाबादी अमरूद का पौधा भी लगा सकेंगे। इसके लिए उनको खुशरो बाग और कंपनी गार्डन आना पड़ेगा।