Edited By Tamanna Bhardwaj,Updated: 08 Jul, 2018 01:31 PM
कुछ दिन पहले सीएम योगी के संगम नगरी आगमन के दौरान एसपी गंगा पार को खरी खोटी सुनाने वाले हर्षवर्धन बाजपेई शनिवार को फिर आईजी रमित शर्मा से उलझ गए। राज्यपाल से मिलने जाते वक्त उनकी कार रोक दी गई, जिससे विधायक का पारा सातवें आसमान पर चढ़ गया। गाड़ी...
इलाहाबादः कुछ दिन पहले सीएम योगी के संगम नगरी आगमन के दौरान एसपी गंगा पार को खरी खोटी सुनाने वाले हर्षवर्धन बाजपेई शनिवार को फिर आईजी रमित शर्मा से उलझ गए। राज्यपाल से मिलने जाते वक्त उनकी कार रोक दी गई, जिससे विधायक का पारा सातवें आसमान पर चढ़ गया। गाड़ी रोकने के बाद एडिशनल एसपी से नोकझोंक भी हुई। वहीं इसके बाद में बीच बचाव करने पहुंचे आईजी रमित शर्मा के साथ भी हुई।
बता दें कि तकरार की वजह विधायक कोे सम्मान ना मिलने की बात सामने आ रही है। दोनों पक्ष इस पूरी घटनाक्रम पर चुप्पी साधे रहे। कार्यक्रम के सिलसिले में राज्यपाल राम नाईक शहर में थे और कुछ देर के लिए अत्तरसिया क्षेत्र में स्थित 250 साल पुरानी कोठी को देखने चौधरी जीता सिंह के घर पर पहुंचे। इस मौके पर कैबिनेट मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह नंद गोपाल गुप्ता नंदी मेयर अभिलाषा समेत तमाम प्रशासनिक अफसर भी उनसे मिलने पहुंचे थे। पहले ही बैरियर लगाकर पुलिस ने वाहनों का आवागमन रोक दिया था इसी दौरान शहर उत्तरी विधायक हर्षवर्धन बाजपेई भी पहुंचे तो बैरियर पर ही उनकी कार को रोक दिया गया।
प्रत्यक्षदर्शियों की मानें तो विधायक को नागवार गुजरा और एडिशनल एसपी सुकृति माधव से नाराजगी जताने लगे। देखते ही देखते बात बड़ी और नोकझोंक शुरू हो गई जिस वक्त यह हुआ उस वक़्त पीछे आईजी रमित शर्मा भी दूसरी गाड़ी से आ रहे थे। वहीं मामला बढ़ता देखकर उन्होंने बचाव की कोशिश की।
उन्होंने एसपी से आदेशित करते हुए विधायक से भी शांत रहने को कहा इस पर विधायक आईजी से बोले कि SP को समझाइए यहां भी कुछ देर के लिए तकरार की स्थिति बन गई। दोनों पक्षों की बातचीत में तल्ख़ रुख दिखाई दिया।विधायक और आईजी रमित शर्मा से जब इस मुद्दे पर बात करने की कोशिश की गई तो उनसे संपर्क ही नहीं हो सका।