Loksabha Election 2019: अलीगढ़ लोकसभा सीट कितनी महत्व, डालिए एक नजर

Edited By Tamanna Bhardwaj,Updated: 05 Apr, 2019 04:38 PM

पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मुख्य सीटों में से एक सीट है अलीगढ़। राजनैतिक और सांस्कृतिक दृष्टि से ये सीट काफी महत्वपूर्ण है। अलीगढ़ कई कारणों से मशहूर है। यहां के ताले पूरी दुनिया में फेसम हैं। साथ ही यहां की अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्दालय भी काफी...

अलीगढ़ः पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मुख्य सीटों में से एक सीट है अलीगढ़। राजनैतिक और सांस्कृतिक दृष्टि से ये सीट काफी महत्वपूर्ण है। अलीगढ़ कई कारणों से मशहूर है। यहां के ताले पूरी दुनिया में फेसम हैं। साथ ही यहां की अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्दालय भी काफी सुर्खियों में रहता है। अगर बात करें इस सीट के राजनैतिक इतिहास की तो यहां 1952 और 1957 के चुनाव में कांग्रेस ने यहां जीत दर्ज की, लेकिन इसके बाद के चुनावों में गैर कांग्रेसी दलों ने यहां जीत दर्ज की। कांग्रेस की वापसी यहां 1984 में दुबारा हुई, लेकिन 1989 में जनता दल के सत्यपाल मलिक ने दुबारा इस सीट पर कब्जा किया।
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इसके बाद ये सीट बीजेपी के अभेद्द किले के रूप में बदल गई। 1991 से लेकर 1999 तक हुए 4 चुनावों में बीजेपी की शीला गौतम का इस सीट पर कब्जा रहा। इसके बाद 2004 में कांग्रेस और 2009 में बसपा ने इस सीट को जीता, लेकिन 2014 की मोदी लहर में बीजेपी से सतीश गौतम इस सीट को दुबारा बीजेपी के खाते में ले आए। आईए जानते हैं अलीगढ़ लोकसभा सीट के बारे में...

जानिए 2019 में कितने मतदाता करेंगे अपने मत का प्रयोग
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2019 में होने वाले लोकसभा चुनाव में अलीगढ़ सीट पर कुल 18 लाख 76 हज़ार 818 वोटर अपने मत का प्रयोग करेंगे। जिनमें पुरूष मतदाताओं की संख्या 10 लाख 5 हज़ार 371 है। जबकि महिला वोटरों की संख्या 8 लाख 71 हज़ार 294 है। वहीं ट्रांस जेंडर वोटरों की संख्या 153 है।

अलीगढ़ सीट में कुल पांच विधानसभा सीटें
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अलीगढ़ लोकसभा सीट में कुल पांच विधानसभा सीटें है। ये सीटें खैर, बरौली, अतरौली, कोल और अलीगढ़ हैं। 2017 में हुए विधानसभा चुनाव में ये सभी पांचों सीटें भारतीय जनता पार्टी के खाते में गई थी। 2017 में हुए विधानसभा चुनाव में सभी 5 सीटों पर बीजेपी ने जीत दर्ज किया। बीजेपी प्रत्याशी सतीश गौतम को 48 फीसदी वोट मिले थे। इस सीट पर 20 फीसदी मुसलमान और 80 फीसदी हिंदू वोटर हैं। इससे इस सीट पर लड़ाई बेहद दिलचस्प हो जाती है।

डालें 2014 में हुए लोकसभा चुनाव पर एक नज़र
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अलीगढ़ सीट पर 2014 में हुए लोकसभा चुनाव पर नज़र डालें तो इस सीट पर बीजेपी के सतीश कुमार गौतम ने बसपा के अरविंद कुमार सिंह को 2 लाख से ज्यादा वोटों से हराया था। सतीश कुमार गौतम को कुल 5 लाख 14 हज़ार 622 वोट मिले थे। जबकि बसपा के अरविंद कुमार सिंह को 2 लाख 27 हज़ार 886 वोट मिले थे। वहीं तीसरे नंबर पर सपा के ज़फर आलम थे। जिन्हें 2 लाख 26 हज़ार 284 वोट मिले थे।

डालें 2009 में हुए लोकसभा चुनाव पर एक नज़र
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2009 में अलीगढ़ लोकसभा सीट पर हुए चुनाव में बसपा की राजकुमारी चौहान ने इस सीट पर कब्जा किया था। राजकुमारी ने सपा के ज़फर आलम को हराया था। राजकुमारी चौहान को 1 लाख 93 हज़ार 444 वोट मिले थे। जबकि सपा के ज़फर आलम को 1 लाख 76 हज़ार 887 वोट मिले थे। वहीं तीसरे नंबर पर कांग्रेस के बिजेंद्र सिंह थे। बिजेंद्र को 1 लाख 65 हज़ार 776 वोट मिले थे।

डालें 2004 में हुए लोकसभा चुनाव पर एक नज़र
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2004 में अलीगढ़ लोकसभा सीट पर हुए चुनाव में कांग्रेस के बिजेंद्र सिंह ने इस सीट पर जीत हासिल की थी। बिजेंद्र ने बीजेपी की शीला गौतम को हराया था। बिंजेंद्र सिंह को 1 लाख 67 हज़ार 42 वोट मिले थे। वहीं बीजेपी की शीला गौतम को 1 लाख 64 हज़ार 351 वोट मिले थे। वहीं तीसरे नंबर पर बसपा के ठाकुर जयवीर सिंह थे। जिन्हे 1 लाख 59 हज़ार 941 वोट मिले थे।

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