लगातार सिमट रही देश की सबसे पुरानी पार्टी,  72 साल में पहली बार ‘कांग्रेस मुक्त' होगी उप्र विधान परिषद

Edited By Ramkesh,Updated: 09 Jun, 2022 07:18 PM

72 years the up legislative council will be  congress free

देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश की विधान परिषद के इतिहास में छह जुलाई के बाद पहली बार ऐसा होगा, जब प्रदेश के उच्च सदन में राष्ट्रीय राजनीतिक दल कांग्रेस की मौजूदगी समाप्त हो जायेगी।  प्रदेश में सियासी फलक पर लगातार सिमट रही देश की सबसे पुरानी...

लखनऊ: देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश की विधान परिषद के इतिहास में छह जुलाई के बाद पहली बार ऐसा होगा, जब प्रदेश के उच्च सदन में राष्ट्रीय राजनीतिक दल कांग्रेस की मौजूदगी समाप्त हो जायेगी।  प्रदेश में सियासी फलक पर लगातार सिमट रही देश की सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस का 100 सदस्यों वाली विधान परिषद में फिलहाल मात्र एक विधायक है। कांग्रेस के एमएलसी दीपक सिंह का कार्यकाल आगामी छह जुलाई को समाप्त हो रहा है।

 गौरतलब है कि उप्र विधान मंडल के पिछले 72 साल के इतिहास में इस समय कांग्रेस की दोनों सदनों में सदस्य संख्या अपने न्यूनतम स्तर पर पहुंच गयी है। हाल ही में संपन्न हुए विधान सभा चुनाव में कांग्रेस के सिफर् दो उम्मीदवार विधायक बन सके।  विधान सभा में दो सदस्यों के बलबूते कांग्रेस के लिये विधान परिषद की 13 सीटों पर हो रहे चुनाव में अपना उम्मीदवार जिता पाना मुमकिन नहीं है। गौरतलब है कि उप्र में विधान सभा की कुल सदस्य संख्या 403 को देखते हुए विधान परिषद की एक सीट पाने के लिये 32 विधायकों के समर्थन की दरकार है।   कांग्रेस, चुनाव दर चुनाव दोनों सदनों में हाशिये पर सिमट रही है। विधान सभा के 2012 में हुए चुनाव में कांग्रेस के 28 विधायक थे, जो 2017 में घटकर 07 रह गये और 2022 में यह संख्या 02 पर सिमट गयी। ऐसे में उप्र विधान मंडल का उच्च सदन अगले महीने कांग्रेस मुक्त हो जायेगा।  इसे कांग्रेस के लिये त्रासदपूर्ण स्थिति करार देते हुए पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व मंत्री सत्यदेव त्रिपाठी ने इस स्थिति के लिये पूरी तरह से शीर्ष नेतृत्व को जिम्मेदार ठहराया है।

त्रिपाठी ने कहा, ‘‘एमएलसी बनने के लिये कम से कम 32 विधायकों का समर्थन जरूरी है। स्पष्ट है कि उच्च सदन में अब हमारा कोई सदस्य नहीं होगा। इससे पहले 72 साल ऐसा कभी नहीं हुआ। विधान मंडल ही नहीं, बल्कि पूरे प्रदेश में कांग्रेस की इस जर्जर हालत के लिये पाटर्ी हाईकमान ही जिम्मेदार है।'' वरिष्ठ कांग्रेस नेता एवं पूर्व नौकरशाह पीएल पूनिया ने हालांकि भरोसा जताया है कि जल्द ही इस स्थिति में बदलाव होगा और कांग्रेस की एक बार फिर वापसी होगी। पूनिया ने कहा कि पिछले तीन चुनाव में 28 से 02 पर पहुंचने के सच को नकारा नहीं जा सकता है, लेकिन अब कानपुर हिंसा सहित अन्य तमाम मामलों के बाद लोगों को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के तिलिस्म की हकीकत का पता चल रहा है। 

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