Edited By Imran,Updated: 27 Oct, 2024 03:22 PM
महाकुंभ 2025 की शुरुआत होने से पहले संगम क्षेत्र का अधिकतर स्वरूप काफी बदला हुआ या कहे कि खूबसूरती की मिसाल पेश करने वाला है। विश्वनाथ की नगरी काशी की तर्ज पर कुंभ नगरी प्रयागराज के घाटों का पुनरुद्धार करा रही है।
प्रयागराज (सैय्यद आकिब रज़ा): महाकुंभ 2025 की शुरुआत होने से पहले संगम क्षेत्र का अधिकतर स्वरूप काफी बदला हुआ या कहे कि खूबसूरती की मिसाल पेश करने वाला है। विश्वनाथ की नगरी काशी की तर्ज पर कुंभ नगरी प्रयागराज के घाटों का पुनरुद्धार करा रही है। इसके तहत गंगा और यमुना नदी के सात घाटों को नव्य स्वरूप दिया जा रहा है। इसका लगभग 80 प्रतिशत काम पूरा हो गया है। जानकारों की मानें तो इन घाटों के सौंदर्यीकरण का काम नवंबर महीने तक हर हाल में पूरा कर लिया जाएगा। श्रद्धालुओं को घाट पर मेडिटेशन जोन, चेंजिंग रूम, सिटिंग प्लाज़ा, ग्रीन जोन, कैंटीन की सुविधा मिलेगी।
आपको बता दे जिन 7 घाटों का कायाकल्प किया जा रहा है, उनमें दशाश्वमेध घाट, ज्ञान गंगा घाट (झूंसी), किला घाट (वी आई पी घाट), सरस्वती घाट, रसूलाबाद घाट, नौकायन घाट, और महेवा घाट शामिल हैं। बाढ़ आने की वजह से बताया जा रहा है कि अब 15 नवंबर के पहले सभी घाटों का सौंदर्यीकरण और सुविधा विस्तार का कार्य पूरा कर लिया जाएगा।
महाकुंभ अपर मेला अधिकारी विवेक चतुर्वेदी की बात माने तो उनका कहना है कि महाकुंभ में आने वाले श्रद्धालुओं और पर्यटकों को उच्च दर्जे की सुविधा प्रदान करना है। ऐसे में घाटों का आधुनिकीकरण और सौंदर्यीकरण किया जा रहा है। वहीं इन सुदंर और स्वच्छ बनाने के लिए हरित पट्टी को भी विकसित किया जा रहा है। इन घाटों पर छतरी, हाईमास्ट, पेयजल आदि की व्यवस्था की जा रही है। वहीं स्वच्छ पानी के लिए आरओ को लगाया गया है जबकि सचल टॉयलेट और चेंजिंग रूम की भी व्यवस्था की गयी है।