Edited By Anil Kapoor,Updated: 10 May, 2019 01:40 PM
उत्तर प्रदेश के बागपत जिले में आने वाले सनौली गांव में खुदाई के दौरान भारतीय पुरातत्व विभाग (आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया) को बड़ी कामयाबी मिली है। यहां जमीन के नीचे 4000 साल पुराने पवित्र कक्ष, शाही ताबूत, दाल-चावल से भरे मटके, तलवारें, औजार,...
बागपत: उत्तर प्रदेश के बागपत जिले में आने वाले सनौली गांव में खुदाई के दौरान भारतीय पुरातत्व विभाग (आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया) को बड़ी कामयाबी मिली है। यहां जमीन के नीचे 4000 साल पुराने पवित्र कक्ष, शाही ताबूत, दाल-चावल से भरे मटके, तलवारें, औजार, मुकुट और इंसानों के साथ दफनाई गई जानवरों की हड्डियां मिली हैं।
पत्रकारों से बातचीत के दौरान इंस्टीच्यूट ऑफ आर्कियोलॉजी (ए.एस.आई.) के डायरेक्टर डॉ. एस.के. मंजुल ने कहा कि ए.एस.आई. को सनौली में महाभारत काल के कई प्राचीनतम सभ्यताओं के अवशेष मिले हैं। यहां जनवरी 2018 में खुदाई शुरू की गई थी, जिसमें उन्हें 2 रथ, शाही ताबूत, तलवारें, मुकुट, ढाल मिले थे, जिससे यह साबित हुआ था कि योद्धाओं की लम्बी फौज यहां रहा करती होगी।
डॉ. एसके मंजुल का कहना है कि इस बार हमें खुदाई में मिले अवशेष हड़प्पन सभ्यता से अलग हैं। इसे देख कर ऐसा लगता है कि हाल ही में मिले अवशेष हड़प्पन सभ्यता के सबसे विकसित समय के हैं। इससे यह समझने में आसानी होगी कि यमुना और गंगा के किनारे कैसी संस्कृति होगी।