Edited By Anil Kapoor,Updated: 05 Apr, 2021 08:43 AM
उत्तर प्रदेश के इटावा जिले में फर्जी प्रमाण पत्रों के जरिए प्राथमिक शिक्षकों की नौकरी पाए 38 लोगों को बर्खास्त कर उनके खिलाफ अपराधिक मामले दर्ज किए गए हैं। एसआईटी जांच के बाद शिक्षा विभाग के आदेश के बाद यह मुकदमे दर्ज किए गए हैं। वरिष्ठ पुलिस...
इटावा: उत्तर प्रदेश के इटावा जिले में फर्जी प्रमाण पत्रों के जरिए प्राथमिक शिक्षकों की नौकरी पाए 38 लोगों को बर्खास्त कर उनके खिलाफ अपराधिक मामले दर्ज किए गए हैं। एसआईटी जांच के बाद शिक्षा विभाग के आदेश के बाद यह मुकदमे दर्ज किए गए हैं। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक डा.ब्रजेश सिंह ने बताया कि बीएड प्रशिक्षण का फर्जी प्रमाणपत्र लगाकर प्राइमरी स्कूल में नौकरी कर रहे शिक्षकों के खिलाफ इटावा में अलग-अलग थानों में मुकदमा दर्ज कराया गया है जिनकी जांच के आदेश दे दिए गए हैं।
बेसिक शिक्षा खंड शिक्षा अधिकारी राजेश चौधरी ने बताया कि डॉ. भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय आगरा बीएड सत्र 2004 -2005 के फर्जी प्रमाणपत्र होने के कारण 10 अध्यापकों की बर्खास्तगी के बाद एफआईआर दर्ज कराई गई है। इससे पहले डॉ. भीमराव आंबेडकर आगरा विश्व विद्यालय से वर्ष 2004-2005 की बीएड की फर्जी अंकतालिका और प्रमाणपत्र लगाने पर 10 बेसिक शिक्षकों को बर्खास्त कर दिया गया है। ये शिक्षक जसवंतनगर विकास खंड के परिषदीय विद्यालयों में तैनात हैं।
इन शिक्षकों की नियुक्ति वर्ष 2008 से 2012 के बीच जिले के विद्यालयों में की गई थी। शासन स्तर से कराई गई एसआईटी जांच में इन शिक्षकों की डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय आगरा बीएड सत्र 2004-05 का प्रमाण पत्र फर्जी पाया गया। एसआइटी और जनपद स्तरीय जांच समिति की जांच में शैक्षिक अभिलेखों के फर्जी मिलने पर 38 शिक्षकों पर मुकदमा दर्ज कराने के निर्देश जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी ने दिए थे।