Edited By Deepika Rajput,Updated: 21 Aug, 2019 02:46 PM
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मौजूदा, पूर्व विधायकों और सांसदों के खिलाफ चल रहे 35 से ज्यादा मामलों के त्वरित निपटारे के लिए उसे एक विशेष अदालत भेज दिया। इनमें से 10 मामले मुजफ्फरनगर दंगों से जुड़े हैं।
मुजफ्फरनगरः इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मौजूदा, पूर्व विधायकों और सांसदों के खिलाफ चल रहे 35 से ज्यादा मामलों के त्वरित निपटारे के लिए उसे एक विशेष अदालत भेज दिया। इनमें से 10 मामले मुजफ्फरनगर दंगों से जुड़े हैं।
जिला अभियोजन शाखा के मुताबिक जिन नेताओं के मामले जिला के विशेष अदालत के पास भेजे गए हैं उनमें भाजपा, बसपा और कांग्रेस के नेता शामिल हैं। अभियोजन अधिकारियों ने बताया कि इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 16 अगस्त को मुजफ्फरनगर के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अदालत को विशेष अदालत बनाया था ताकि वह पूर्व और मौजूदा विधायकों और सांसदों के खिलाफ चल रहे मामलों का त्वरित निपटारा कर सकें।
उन्होंने बताया कि राज्य मंत्री सुरेष राणा, भाजपा के पूर्व सांसद भारतेंदु सिंह, भाजपा के विधायक उमेश मलिक और विक्रम सैनी, विहिप नेता साध्वी प्राची और अन्य 2013 के मुजफ्फरनगर दंगा मामले में भाषणों के जरिए हिंसा भड़काने के मामले का सामना कर रहे हैं। कांग्रेस नेता और उत्तर प्रदेश के पूर्व गृह मंत्री एस सईदुज्जमां, पूर्व बसपा सांसद कादिर राणा, बसपा के पूर्व विधायक मौलाना जमील भी आपराधिक मामलों का सामना कर रहे हैं। उन पर 2013 में हिंसा भड़काने का आरोप है।