Edited By Tamanna Bhardwaj,Updated: 07 Mar, 2020 01:45 PM
उत्तर प्रदेश में 5 आईपीएस अफसरों पर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों के मामले में बिठाई गई एसआईटी ने अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंप दी है। सूत्रों के अनुसार इस रिपोर्ट में 5 आईपीएस में से 2 अफसरों को भ्रष्टाचार का दोषी पाया गया है और उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की...
लखनऊः उत्तर प्रदेश में 5 आईपीएस अफसरों पर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों के मामले में बिठाई गई एसआईटी ने अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंप दी है। सूत्रों के अनुसार इस रिपोर्ट में 5 आईपीएस में से 2 अफसरों को भ्रष्टाचार का दोषी पाया गया है और उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की सिफारिश की गई है। चौंकाने वाली बात ये है कि इनमें से एक अफसर के माफिया सुंदर भाटी से संबंधों का भी जिक्र है।
जनवरी के पहले सप्ताह में 5 आईपीएस अफसरों के भ्रष्टाचार में लिप्त होने का मामला सामने आया था। मामले में नोएडा के तत्कालीन एसएसपी वैभव कृष्ण की शासन को भेजी गई। एक रिपोर्ट लीक हुई थी, जिसमें आईपीएस डॉ. अजय पाल शर्मा, सुधीर कुमार सिंह, हिमांशु कुमार, गणेश साहा और राजीव नारायण मिश्र पर कहीं न कहीं भ्रष्टाचार में लिप्त होने का जिक्र था।
मामले में रिपोर्ट पर गंभीरता दिखाते हुए योगी सरकार ने डीजी विजिलैंस हितेश चंद्र अवस्थी की अध्यक्षता में एक एसआईटी बनाई थी, जिसमें आईजी एसटीएफ अमित यश और जल निगम के एमडी विकास गोठनवाल भी शामिल थे। एसआईटी ने पांचों आईपीएस अधिकारियों और चिट्ठी लिखने वाले वैभव कृष्ण के बयान दर्ज किए थे, जिन लोगों के इन आईपीएस अधिकारियों से संबंधों का जिक्र था उनसे भी एसआईटी ने पूछताछ की थी।
वैभव कृष्ण ने जो इलैक्ट्रॉनिक सबूत दिए थे, उसका भी एसआईटी ने परीक्षण किया। जानकारी के अनुसार एसआईटी ने एक हफ्ता पहले जांच पूरी कर शासन को रिपोर्ट सौंपी है।
3 अफसरों को मिला संदेह का लाभ: सूत्रों के अनुसार इस रिपोर्ट में एक आईपीएस अधिकारी के पश्चिम के माफिया सुंदर भाटी से भी संबंधों का जिक्र है।
यही नहीं एक वरिष्ठ आईपीएस पर भ्रष्टाचारी अधिकारी को बचाने की भी बात है। सूत्रों के अनुसार 5 में से 2 अधिकारियों को दोषी मानते हुए एसआईटी ने सख्त कार्रवाई की सिफारिश की है। वहीं बाकी 3 आईपीएस अफसरों को संदेह का लाभ दिया गया है।