कुंभ 2019 में 109 करोड़ की ठगी, नामी कंपनी लल्लू जी एंड संस समेत 11 के खिलाफ FIR दर्ज

Edited By Tamanna Bhardwaj,Updated: 06 Dec, 2020 02:09 PM

109 crore fraud in kumbh 2019 fir lodged against 11 including

प्रयागराज में वर्ष 2019 में आयोजित हुए दिव्य और भव्य कुम्भ में 109 करोड़ रुपए के भुगतान के लिए फर्जी बिल पेश करने को लेकर नामी कंपनी लल्लू जी एंड संस समेत 11 साझेदारों के खिलाफ एफआईआर दर्ज हुई है। कुंभ जैसे बड़े आयोजनों में टेंट सुविधा प्रदान करने...

प्रयागराज: प्रयागराज में वर्ष 2019 में आयोजित हुए दिव्य और भव्य कुम्भ में 109 करोड़ रुपए के भुगतान के लिए फर्जी बिल पेश करने को लेकर नामी कंपनी लल्लू जी एंड संस समेत 11 साझेदारों के खिलाफ एफआईआर दर्ज हुई है। कुंभ जैसे बड़े आयोजनों में टेंट सुविधा प्रदान करने वाली कंपनी और उसके साझीदारों पर कूटरचित दस्तावेज बनाने और फर्जी भुगतान का आधार बनाने के लिए कुंभ मेला अधिकारियों के फर्जी हस्ताक्षर से प्रपत्र तैयार करने का गंभीर आरोप है। इसके साथ ही प्रयागराज मेला प्राधिकरण ने लल्लू जी एंड संस को पांच साल के लिए ब्लैक लिस्ट भी कर दिया है।
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करोड़ों रुपए के फर्जी भुगतान के लिए बिल, बाउचर लगाने के मामले में अपर कुंभ मेलाधिकारी दयानंद प्रसाद की ओर से दारागंज थाने में लल्लू जी एंड संस समेत अन्य साझीदारों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई गई है। इसमें मेसर्स लल्लू जी एंड संस के साथ ही रमेश कुमार अग्रवाल, जगदीश कुमार अग्रवाल, विनोद कुमार अग्रवाल, सुनील कुमार अग्रवाल, विपुल कुमार अग्रवाल, मुकुल कुमार अग्रवाल, हिमांशु अग्रवाल, निखिल कुमार अग्रवाल, उपांशु कुमार अग्रवाल, दीपांशु कुमार अग्रवाल के खिलाफ धारा धोखाधड़ी, कूटरचित दस्तावेज तैयार करने को लेकर 419, 420, 409, 467, 468, 471, 120 बी के तहत केस दर्ज कराया गया है।
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अपर कुंभ मेलाधिकारी की तहरीर के मुताबिक कुंभ मेले में प्रयागराज मेला प्राधिकरण की ओर से देश के इतिहास में सबसे बड़े अस्थाई शहर का निर्माण कराया जाना था। इसके लिए टेंट, टीन, फर्नीचर की आपूर्ति के लिए लल्लू जी एंड संस को ठेकेदार के रूप में अधिकृत किया गया था। मेला प्राधिकरण के अधिकारियों के मुताबिक भुगतान के लिए इस टेंट कंपनी और उसके साझीदारों की ओर से 196.24 करोड़ रुपये बिल 27 फरवरी 2019 से 6 जुलाई 2019 के बीच पेश किए गए।
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सत्यापन के दौरान इसमें से सिर्फ 86.38 करोड़ रुपये के ही बिल सही पाए गए। शेष 109.85 करोड़ रुपये के बिल तथ्य विहीन और गलत पाए गए। जनवरी-फरवरी 2019 में अलग-अलग तिथियों के इन बिलों को कुंभ मेला के बाद कूटरचित अभिलेखों के आधार पर तैयार किया गया है। इसके साथ ही 20 जनवरी 2019 को बिना कार्य कराए एक पत्र के अनुरोध पत्र प्राधिकरण के कर्मचारी के फर्जी हस्ताक्षर से कार्यालय आदेश के रूप में तैयार किया गया है। गलत बिलों के समर्थन में टेंट प्रदाता कंपनी व उसके साझीदारों ने सेक्टर वाइज अपने प्रतिनिधियों की सूची भी बनाई है।
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कुंभ मेला-2019 के लिए शासन की ओर से अनुमोदित बजट से टेंट कंपनी ने अलग-अलग विभागों से 171 करोड़ रुपए का भुगतान प्राप्त कर लिया है, लेकिन, लालच वश इस कंपनी और उसके साझीदारों ने 109.85 करोड़ रुपये का फर्जी बिल भुगतान के लिए पेश कर दिया, जो कि जांच में गलत पाया गया है। इसके लिए एजेंसी की ओर से झूठे साक्ष्य भी गढ़े गए हैं। इस आधार पर इन्हें ब्लैक लिस्ट भी कर दिया गया है। वहीं लल्लू जी एंड संस के मैनेजर विश्वनाथ मिश्रा के मुताबिक कंपनी को जब भुगतान नहीं हुआ तो कंपनी ने प्राधिकरण के खिलाफ मुकदमा दाखिल कर दिया। जिसके चलते अधिकारियों ने बदले की भावना से और दबाव बनाने के लिए गलत मुकदमा दर्ज कराया है। 

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