Edited By Ajay kumar,Updated: 20 Dec, 2019 03:47 PM
रेप के आरोप में दोषी करार दिए गए पूर्व भाजपा विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट ने उम्रकैद की सजा सुनाई है। साथ ही पीड़िता को 50 हजार रुपये जुर्माना देने की बात कही है।
लखनऊ: दिल्ली की अदालत ने उन्नाव बलात्कार मामले में भाजपा से निष्कासित विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को 2017 में महिला से दुष्कर्म के मामले में उम्रकैद की सजा सुनाते हुए शुक्रवार को कहा कि दोषी विधायक को बाकी बची उम्र जेल में काटनी होगी। जिला न्यायाधीश धर्मेश शर्मा ने मामले में सेंगर पर 25 लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया जो उसे एक महीने के अंदर जमा करना होगा। उम्रकैद की सजा सुनाये जाने के बाद सेंगर तीस हजारी जिला अदालत परिसर के अदालत कक्ष में रो पड़ा। उसकी बहन और बेटी भी साथ में रोते हुए दिखाई दिये।
क्या कहा कोर्ट ने?
- हमें नरमी दिखाने वाली कोई परिस्थिति नहीं दिखी, सेंगर लोक सेवक था, उसने लोगों से विश्वासघात किया।
- महीने के भीतर जुर्माना भरें सेंगर।
- सेंगर ने जो भी किया वह बलात्कार पीड़िता को डराने-धमकाने के लिए किया।
- सीबीआई को पीड़िता और उसके परिवार के सदस्यों के जीवन को खतरा एवं उनकी सुरक्षा का हर तीन महीने में आकलन करते रहना होगा।
- पीड़िता और उसका परिवार दिल्ली महिला आयोग द्वारा उपलब्ध कराए गए किराए के आवास में एक साल तक रहेगा।
- अदालत ने उत्तर प्रदेश सरकार को पीड़िता और उसके परिवार के किराए के आवास के लिए एक साल तक प्रति माह 15,000 रुपए का भुगतान करने का आदेश दिया।
कोर्ट के फैसले के बाद फूट फूटकर रोया सेंगर
कोर्ट ने जैसे ही आजीवन कारावास की सजा सुनाई सेंगर कोर्ट में ही फूट फूटकर रोने लगा। सोमवार को भी कोर्ट ने जब उसे दोषी करार दिया था तब भी वह रोया था। आज फिर उसने अपने गुनाह का प्रायश्चित रोकर किया है।
सोमवार को कोर्ट ने ठहराया था दोषी
-इससे पहले कोर्ट ने सोमवार को कुलदीप सेंगर को दोषी करार दिया था।
-कुलदीप सिंह सेंगर पर 2017 में युवती से अपहरण और बलात्कार के आरोप हैं।
-सोमवार को जिला न्यायाधीश धर्मेंद्र शर्मा ने मामले में सेंगर की महिला सहयोगी शशि सिंह को सभी आरोपों सेे बरी कर दिया।
पीड़िता का यह बयान सच पाया गया-कोर्ट
सोमवार को अदालत ने कहा कि पीड़िता का यह बयान सच पाया गया कि उसपर यौन हमला हुआ और उसे खतरा है। सेंगर एक शक्तिशाली व्यक्ति था, पीड़िता महानगरीय शिक्षित क्षेत्र की नहीं बल्कि गांव की लड़की थी, जिसकी वजह से मामला दर्ज कराने में देर हुई।