Edited By Anil Kapoor,Updated: 19 Sep, 2024 07:32 AM
Bahraich News: उत्तर प्रदेश के बहराइच जिले की महसी तहसील में दहशत का सबब बने आदमखोर भेड़िए को पकड़ने के लिए वन विभाग मादा भेड़िये के चीखने और रोने की 'प्री रिकॉर्डेड' आवाज छोटे लाउडस्पीकर पर बजा रहा है। वन विभाग के अधिकारियों को उम्मीद है कि चालाक...
Bahraich News: उत्तर प्रदेश के बहराइच जिले की महसी तहसील में दहशत का सबब बने आदमखोर भेड़िए को पकड़ने के लिए वन विभाग मादा भेड़िये के चीखने और रोने की 'प्री रिकॉर्डेड' आवाज छोटे लाउडस्पीकर पर बजा रहा है। वन विभाग के अधिकारियों को उम्मीद है कि चालाक आदमखोर भेड़िया मादा भेड़िये की चीख व रूदन सुन आकर्षित होकर वन अधिकारियों द्वारा लगाए जाल की ओर खिंचा चला आएगा और जाल में फंस जाएगा।
गौरतलब है कि इससे पूर्व भेड़ियों को पकड़ने के लिए हाथी की लीद, बच्चों के पेशाब से भीगी 'टेडी डाल्स', पटाखे व थर्मल ड्रोन इत्यादि का इस्तेमाल वन विभाग कर चुका है अथवा कर रहा है। बहराइच के प्रभागीय वनाधिकारी (डीएफओ) अजीत प्रताप सिंह ने एक न्यूज एजेंसी से कहा कि इस बार हम आदमखोर भेड़िए को दबोचने के लिए एक नया प्रयोग कर रहे हैं। मादा भेड़िये के रोने और चीखने की 'प्री रिकॉर्डेड' आवाजें हम लाउडस्पीकर पर बजा रहे हैं। विशेषज्ञ लाउडस्पीकर की आवाज 'ना बहुत तेज ना बहुत धीमी' रखकर, सिर्फ इतनी ही रख रहे हैं कि वो 'वास्तविक मादा भेड़िए की आवाज' जैसी लगे। संभव है कि अपनी बिछड़ी हुई मादा भेड़िये से मिलती जुलती आवाज से आकर्षित होकर हमलावर भेड़िया हमारे लगाए जाल के नजदीक आए और जाल में फंस जाए।
उल्लेखनीय है कि इससे पूर्व वन विभाग ने हाथी की लीद के केक बनाकर उन्हें रिहायशी इलाकों के निकट सुलगाकर रखा था, जिसकी गंध से भेड़ियों को लगे कि वहां हाथी मौजूद हैं, इस भय से वो उधर ना जाएं और विभाग द्वारा लगाए जाल की तरफ आकर फंस जाए। जाल के नजदीक उन्होंने बच्चों का पेशाब छिड़कर रंग बिरंगी टेडी डाल्स इस उम्मीद से रखी थीं कि भेड़िये इसकी गंध से बच्चों के अंदेशे में जाल के नजदीक आ सकें। आदमखोर भेड़िए की संभावित मौजूदगी वाले इलाके में इस तरह पटाखे जलाए जा रहे हैं कि भेड़ियों को रिहायशी इलाकों से दूर ले जाकर उसे योजना के अनुसार बनाए रास्ते पर ले जाने को मजबूर किया जा सके।
प्रभागीय वनाधिकारी सिंह ने बताया कि "महसी तहसील के सिसैया चूरामनी गांव में मंगलवार तड़के करीब 4-5 बजे भेड़िये ने हमला कर एक पालतू बकरी को मार डाला था। लोगों ने भेड़िये को देखा, टीमें लगी थीं, घेराबंदी की गई, लेकिन इस दौरान वहां आस-पास के सैकड़ों लोग पहुंच गए और भेड़िया भाग निकला।" डीएफओ ने बताया कि "बकरी के शरीर पर पाए गए घाव भेड़िये द्वारा किए गए हमले जैसे दिख रहे हैं। उन्होंने बताया कि करीब 20-25 किलोमीटर क्षेत्र में भेड़ियों का आतंक है।
बहराइच के महसी तहसील अंतर्गत घाघरा नदी के कछार में स्थित 50 गांवों के हजारों नागरिक भेड़ियों के हमलों से दहशत में हैं। 17 जुलाई से 7 बच्चों सहित 8 लोगों की भेड़ियों के हमलों में मौत हो चुकी है जबकि करीब तीन दर्जन लोग भेड़िए अथवा अन्य जानवरों के हमलों से घायल हुए हैं। वन विभाग के 165 लोग, 18 शार्प शूटर, सैकड़ों की संख्या में पुलिसकर्मी व प्रादेशिक आर्म्ड कांस्टेबुलरी (पीएसी) के जवान, राजस्व तथा अन्य विभागों के कर्मी, गांव वासियों की टीमें दिन रात मुस्तैद रहकर भेड़ियों को पकड़ने के अभियान में जुटी हैं। वन विभाग के वरिष्ठ अधिकारी इलाके में तैनात हैं। देहरादून से भारतीय वन्यजीव संस्थान (डब्ल्यूआईआई) के विशेषज्ञ तथा तमाम स्वैच्छिक संगठन बचाव, राहत व बचाव अभियान में जुटे हुए हैं।