Edited By Nitika,Updated: 27 May, 2020 12:47 PM
लॉकडाउन के कारण दूसरे राज्यों से फंसे प्रवासियों के आने का सिलसिला जारी है। इनमें से कई प्रवासी ऐसे भी हैं, जिन्हें कई तरह की मुसीबतों का सामना करना पड़ रहा है।
पटनाः लॉकडाउन के कारण दूसरे राज्यों से फंसे प्रवासियों के आने का सिलसिला जारी है। इनमें से कई प्रवासी ऐसे भी हैं, जिन्हें कई तरह की मुसीबतों का सामना करना पड़ रहा है। ऐसा ही दर्दनाक सफर बिहार के बेकसूर मजदूर भी कर रहे हैं, जहां पर रास्ता भटकने के कारण श्रमिक ट्रेनें 2 दिन के बदले 9 दिन में उन्हें अपने गंतव्य तक पहुंचा रही हैं। इसका नतीजा यह है कि भूख प्यास के कारण 1 दिन में 7 लोगों की मौतें हो चुकी हैं।
गुजरात के सूरत से 16 मई को सीवान के लिए निकली 2 ट्रेनें उड़ीसा के राउरकेला और बेंगलुरु पहुंच गईं। वाराणसी रेल मंडल की जांच के बाद ट्रेन का पता चला। जिस ट्रेन को 18 मई को सिवान पहुंचना था, वह 9 दिन बाद 25 मई को पहुंची। इसी तरह जयपुर-पटना-भागलपुर श्रमिक स्पेशल ट्रेन रविवार की रात पटना की बजाए गया जंक्शन पहुंच गई।
बता दें कि ट्रेन में चढ़ने के दौरान 4 वर्षीय इरशाद की मौत हो गई। उसके पिता ने बताया कि उमस भरी गर्मी और पेट में अन्न का दाना नहीं होने के कारण उसकी मौत हो गई। इसी तरह बरौनी में 4 दिन से भूखे अनवर की सांसें टूट गई। वह ट्रेन से पानी लेने के लिए उतना था। इसी बीच उसकी मौत हो गई। इसके अतिरिक्त एक दंपत्ति ने अपने 8 वर्षीय मासूम के शव के साथ कानपूर से गया तक का सफर किया।