Edited By Punjab Kesari,Updated: 10 Nov, 2017 05:28 PM
उत्तर प्रदेश में ‘स्मॉग’ दम घोंटू स्तर तक पहुंच चुका है। राज्य सरकार का मानना है कि अब यह साधारण विषय नहीं रह गया है और बहुत गंभीरता से इसका समाधान खोजना होगा।..
लखनऊः उत्तर प्रदेश में ‘स्मॉग’ दम घोंटू स्तर तक पहुंच चुका है। राज्य सरकार का मानना है कि अब यह साधारण विषय नहीं रह गया है और बहुत गंभीरता से इसका समाधान खोजना होगा। प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में पिछले करीब एक हफ्ते से हवा की गुणवत्ता बेहद खराब है। यह स्वास्थ्य के लिए खतरनाक स्तर तक पहुंच गई है।
उप मुख्यमंत्री केशव मौर्य से जहरीली होती हवा का समाधान पूछने पर उन्होंने कहा कि मानता हूं कि यह अब साधारण विषय नहीं रह गया है। इसका समाधान बहुत गंभीरता से खोजना होगा। उन्होंने कहा कि उच्चतम न्यायालय और राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने जहरीले स्मॉग से निपटने के कई तरीके सुझाए हैं।
इसके साथ ही कहा कि प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार इस मामले को लेकर सतर्क है और समस्या से निपटने के लिए जो भी आवश्यक निर्णय होगा, वह लिया जाएगा। मालूम हो कि एनजीटी के आदेश के मद्देनजर प्रदेश सरकार ने पूरे प्रदेश में खेतों में फसलों के अवशेषों को जलाने पर पाबंदी लगा दी हैं। साथ ही सभी जिलाधिकारियों को आदेश दिया है कि वे अपने-अपने जिलों के हालात को देखते हुए जरूरी निर्णय लें ताकि जहरीली हवा के संकट से निपटा जा सके।
वहीं इंडियन मेडिकल एसोसिएशन लखनऊ के अध्यक्ष डॉक्टर पी. के गुप्ता ने बताया कि पाॢटकुलेट मैटर (पीएम) 2.5 सल्फर डाईऑक्साइड, नाइटोजन डाईऑक्साइड, कार्बन मोनोऑक्साइड और धूल कण का मिला-जुला रूप है। जिनका आकार अति सूक्ष्म होता है। यह कण हमारी नाक के बालों से भी नहीं रुकते। यहां तक की फेफड़ों व खून में भी पहुंच जाते हैं। इससे फेफड़ों के साथ-साथ दिल पर भी बुरा असर पड़ता हैं।