Edited By Punjab Kesari,Updated: 17 Nov, 2017 10:46 AM
यूपी में बीजेपी सरकार बनने के बाद करप्शन में लिप्त और बेलगाम अफसरों के खिलाफ लगातार कार्रवाई की जा रही है। सीएम योगी की सहमति के बाद पुलिस...
लखनऊः यूपी में बीजेपी सरकार बनने के बाद करप्शन में लिप्त और बेलगाम अफसरों के खिलाफ लगातार कार्रवाई की जा रही है। सीएम योगी की सहमति के बाद पुलिस, शिक्षा और वाणिज्य कर विभाग के कुल 16 अफसरों पर कंपल्सरी रिटायरमेंट दे दी गई।
कुल 16 अफसरों में पुलिस विभाग में 3 सीओ, सेल्स टैक्स डिर्पाटमेंट के अडिशनल कमिश्नर और जॉइंट कमिश्नर स्तर के 5 अफसरों, शिक्षा विभाग में बीएसए स्तर के 8 अफसरों के रिटायरमेंट की संस्तुति कर दी गई है।
गृह सचिव भगवान स्वरूप ने बताया कि शासन के निर्देशानुसार प्रान्तीय पुलिस सेवा के अपर पुलिस अधीक्षकों (एएसपी) और पुलिस उपाधीक्षकों (डिप्टीएसपी) की स्क्रीनिंग के लिए प्रमुख सचिव गृह की अध्यक्षता में डीजीपी व विशेष सचिव कार्मिक की 3 सदस्यीय स्क्रीनिंग कमेटी का गठन किया गया था। 2 नवंबर को स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक संपन्न हुई।
शासनादेश के मुताबिक, एएसपी स्तर के 118 और डिप्टीएसपी स्तर के 316, कुल 434 अफसरों के विभागीय डाक्यूमेंट्स पर विचार किया गया। इन अफसरों के डाक्यूमेंट्स का गहराई से परीक्षण करने के बाद डिप्टीएसपी स्तर के केश करन सिंह, कमल यादव और श्योराज सिंह की दक्षता और कार्यक्षमता निम्न स्तर की पाए गए। जिसपर समिति की संस्तुति के आधार पर सीएम के आदेश के बाद गुरुवार को कंपल्सरी रिटायरमेंट दे दी गई।
इसके अलावा अपर पुलिस अधीक्षक और पुलिस उपाधीक्षक के 41 अफसर, जिनकी वार्षिक गोपनीय प्रविष्टियां अधूरी पाई गईं। उन्हें जल्द से जल्द पूरी कराकर स्क्रीनिंग कमेटी के समक्ष प्रस्तुत करने के लिए समिति की आगामी बैठक के लिए डिफर रखने का फैसला लिया गया। वहीं, डिप्टीएसपी स्तर के 9 अफसरों के विभागीय डाक्यूमेंट्स कंपल्सरी रिटायरमेंट के दृष्टिकोण से विचार योग्य नहीं पाए गए।