Edited By Punjab Kesari,Updated: 19 Jul, 2017 05:30 PM
उत्तर प्रदेश सरकार ने कहा कि वह सूबे में शराब पर प्रतिबंध नहीं लगाएगी।
लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार ने कहा कि वह सूबे में शराब पर प्रतिबंध नहीं लगाएगी। प्रदेश के आबकारी मंत्री जय प्रताप सिंह ने विधानसभा में कहा कि आबकारी विभाग के राजस्व का जनकल्याण तथा विकास की अन्य योजनाओं में प्रयोग किया जाता है। शराब पर प्रतिबंध लगाने से प्रदेश में इसकी अवैध बिक्री को परोक्ष रूप से बढ़ावा मिलेगा और लोग अवैध स्त्रोतों से इसे खरीदने लगेंगे। इससे उनके स्वास्थ्य पर विपरीत असर पड़ेगा। इस प्रकार,व्यापक राजस्वहित और जनहित के मद्देनजर प्रदेश में शराबबंदी लागू किया जाना उचित प्रतीत नहीं होता।
आबकारी मंत्री कांग्रेस विधानमण्डल दल के नेता अजय कुमार लल्लू द्वारा सदन में उठाए गए एक सवाल का जवाब दे रहे थे। संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना ने कहा कि यह विडम्बना है कि वह कांग्रेस प्रदेश में शराबबंदी का मुद्दा उठा रही है, जिसने इस देश और प्रदेश पर 50 साल से ज्यादा समय तक राज किया। उन्होंने कहा कि वह शराब का समर्थन नहीं करते हैं लेकिन इस पर पाबंदी लगाना भी व्यावहारिक रूप से सम्भव नहीं है।
प्रदेश की पूर्ववर्ती समाजवादी पार्टी (सपा) सरकार पर निशाना साधते हुए खन्ना ने कहा कि पिछली सरकार में अपहरण की घटना होने पर लोग अपहृत को छुड़ाने के लिए पुलिस के बजाय सपा नेताओं के पास जाते थे। उन्हें (सपा) को गुंडों और अपराधियों को संरक्षण देने के लिए नोबेल पुरस्कार मिलना चाहिए। सदन में सपा और विपक्ष के नेता राम गोविन्द चौधरी ने संसदीय कार्य मंत्री के इस बयान पर आरोप लगाया कि दरअसल, भाजपा अपराधियों को संरक्षण देने में लिप्त है।