Edited By ,Updated: 15 May, 2017 03:16 PM
उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक ने आज साफ कह दिया कि योगी आदित्यनाथ की सरकार में तुष्टिकरण की राजनीति किसी भी कीमत पर नहीं चलेगी....
लखनऊः उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक ने आज साफ कह दिया कि योगी आदित्यनाथ की सरकार में तुष्टिकरण की राजनीति किसी भी कीमत पर नहीं चलेगी। 17वीं विधानसभा के पहले दिन विधानमंडल के दोनों सदनों को संयुक्त रुप से सम्बोधित करते हुए नाईक ने कहा कि राज्य सरकार तुष्टिकरण की नीति से अलग हटकर काम करेगी। सभी वर्गों के हितों की रक्षा के लिए सरकार प्रतिबद्ध है। सरकार की पहली प्राथमिकता प्रदेश में अमन-चैन और कानून का राज स्थापित करना है।
एंटी रोमियो स्क्वायड के बाद महिलाएं सुरक्षित
बता दें कि सदन में विपक्ष के जोरदार हंगामें के बीच राम नाईक ने 101 पृष्ठ के अभिभाषण को पूरा पढा। आमतौर पर विपक्ष के हंगामे की वजह से राज्यपाल अभिभाषण की पहली और अंतिम लाइन पढ देते थे, लेकिन हंगामे को नजरअंदाज करते हुए 35 मिनट में अपना पूरा अभिभाषण पढा। राज्यपाल ने कहा कि पहले आलम यह था कि माताएं-बहिने रात में घर से अकेले निकलने में डरती थीं, लेकिन एंटी रोमियो स्क्वायड के गठन तथा मनचलों और आपराधिक प्रवृत्ति के शोहदों पर कार्रवाई के बाद अब वे रात में भी निर्भीक होकर निकलने लगी हैं।
हर हाल में कानून का राज स्थापित होगा
नाईक ने कहा कि हर हाल में कानून का राज स्थापित किया जाएगा। अपराधियों पर नकेल कसने के लिए एंटी भू माफिया टास्क फोर्स जैसे संगठनो का गठन किया गया है। बलात भूमि कब्जा करने वालों से पीडित को राहत दिलाने का अभियान चलाया गया। थानों में शत-प्रतिशत रिपोर्ट दर्ज कर कार्रवाई के निर्देश दिये गये। अपराधियों को कानून के दायरे में सजा दिलाना सरकार की प्राथमिकताओं में शामिल है।
20 नए कृषि विज्ञान केन्द्र खोलें जाएंगे
नाइक ने कहा कि किसानों की बेहतरी के लिए कई योजनाएं शुरु की जा रही हैं। 5 हजार गेंहू क्रय केन्द्र खोलने के साथ ही पहली बार आलू का समर्थन मूल्य घोषित करते हुए किसानो से सीधे इसकी खरीद का निर्णय लिया गया। गन्ने के चालू पेराई सत्र में 52 करोड रुपए का भुगतान कराया जा चुका। किसानों के हितों को देखते हुए 20 नए कृषि विज्ञान केन्द्र खोलने का निर्णय लिया गया। बुन्देलखण्ड के ग्रामीण क्षेत्रों में 47 करोड रुपए की लागत से पेयजल समस्या के निराकरण के लिए योजना बनाई गई है। चालू वित्तीय वर्ष में जैविक खेती के लिए 30 जिलों को चुना गया है। जैविक खेती को बढावा देकर भूमि की उर्वरा शक्ति को बरकरार रखा जाएगा।
दिसम्बर 2018 तक खुले में शौचमुक्त होंगे जिले
राज्यपाल ने कहा कि गोवंशी पशुओं की रक्षा के साथ ही 300 कामधेनु, 1500 मिनी कामधेनु और 2500 माइक्रो कामधेनु डेयरी स्थापित की जा रही है। इसके लिये 12 प्रतिशत ब्याज की प्रतिपूर्ति सरकार करेगी। दिसम्बर 2018 तक प्रदेश के सभी जिलों को खुले में शौचमुक्त करना है इसके लिए सरकार काफी मदद दे रही है। शामली खुले में शौच मुक्त घोषित हो चुका है जबकि आगामी 31 दिसम्बर तक 30 और जिले खुले में शौच मुक्त हो जाएंगे।