Edited By Punjab Kesari,Updated: 20 Dec, 2017 03:39 PM
उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य में गैंगस्टर, माफियाओं और संगठित अपराध पर नकेल कसने के मकसद से विधानसभा में ‘उत्तर प्रदेश संगठित अपराध नियंत्रण विधेयक 2017’ (यूपीकोका) पेश किया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रश्नकाल के तुरंत बाद सदन में विधेयक पेश...
लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य में गैंगस्टर, माफियाओं और संगठित अपराध पर नकेल कसने के मकसद से विधानसभा में ‘उत्तर प्रदेश संगठित अपराध नियंत्रण विधेयक 2017’ (यूपीकोका) पेश किया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रश्नकाल के तुरंत बाद सदन में विधेयक पेश किया। यह बिल विधानसभा में पास हो गया है। पिछले दिनों इस कानून को कैबिनेट की बैठक में मंजूरी मिली थी। यूपीकोका के विधेयक का प्रारूप महाराष्ट्र संगठित अपराध नियंत्रण कानून-1999 (मकोका) का गहन अध्ययन करके तैयार किया गया है।
जानकारी के अनुसार सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव और बसपा सुप्रीमो मायावती सहित विपक्षी दलों के नेताओं का कहना है कि राजनीतिक बदले की भावना से इस विधेयक का दुरूपयोग हो सकता है। उन्होंने आशंका जताई कि इस विधेयक का दुरूपयोग अल्पसंख्यकों, गरीबों और समाज के दबे कुचले लोगों के खिलाफ हो सकता है।
कैबिनेट मंत्री श्रीकांत शर्मा का कहना है कि प्रस्तावित कानून के तहत दर्ज मुकदमों की सुनवाई के लिए विशेष अदालतें बनेंगी। मंत्री ने बताया कि विधेयक के परीक्षण के लिए गृह विभाग के सचिव की अध्यक्षता में एक समिति गठित की गई थी। इसमें अपर पुलिस महानिदेशक (अपराध) तथा विशेष सचिव (न्याय विभाग) को भी शामिल किया गया था। इस समिति द्वारा परीक्षण के दौरान उच्च न्यायालय के पारित निर्णय तथा महाराष्ट्र संगठित अपराध नियंत्रण कानून-1999 (मकोका) का भी गहन अध्ययन करके इस विधेयक का प्रारूप तैयार किया गया है।