Edited By Punjab Kesari,Updated: 28 Dec, 2017 06:01 PM
आए दिन अपने कारनामों के चलते सुर्खियों में रहना यूपी पुलिस की आदत बनती जा रही है। इसी क्रम मेरठ पुलिस ने एक गैंगरेप केस में अमानवीय व्यवहार किया है, जिसमें उसने नाबालिग की जिंदगी तबाह करने...
मेरठः आए दिन अपने कारनामों के चलते सुर्खियों में रहना यूपी पुलिस की आदत बनती जा रही है। इसी क्रम मेरठ पुलिस ने एक गैंगरेप केस में अमानवीय व्यवहार किया है, जिसमें उसने नाबालिग की जिंदगी तबाह करने वाले 3 लोगों को मामले से बाहर कर दिया है। पुलिस पर आरोप है कि उन्होंने अपने स्वार्थ के लिए एक नाबालिग से गैंग रेप के मामले में आई तहरीर को बदलने और आरोपियों को बचाने का खेल किया है। जिसके बाद पीड़ित के परिजनों ने पुलिस के आला अधिकारियों से न्याय की गुहार लगाई है।
दरअसल अजराडा गांव की रहने वाली एक 13 वर्षिय युवती 21 दिसंबर को मदरसे से पढ़ कर लौट रही थी कि इस बीच गांव का माजिद उसे भला फुसला कर ईख के खेत में ले गया। वहां पर पहले से ही मौजूद सनव्वर, आस मौहम्मद, अज्जू, मोनू व अन्य एक व्यक्ति कुल 6 लोगो नें इस नाबालिग युवती के साथ गैंग रेप किया। इतना ही नहीं दरिंदो ने दुष्कर्म की वीडियों भी बना ली और फिर युवती को इस घटना के बारे में किसी को नहीं बताने की भी बात कही। युवती के साथ हुई इस दिल दहलाने वाली घटना का पता उसके पिता को अगले दिन तब पता लगा जब उसको गांव के किसी व्यक्ति ने मोबाइल पर क्लिपींग दिखाई।
घटना की जानकारी मिलने के बाद परिजनों नें मुंडाली थाने में 22 दिसंबर को एक हस्त लिखित तहरीर दी। लेकिन परिजनों के लिए पुलिस की कारगुजारी का पहाड़ टूटने से कम नहीं थी। 26 दिसंबर को जब पुलिस नें पंजीकृत की गई एफआईआर की कापी दी तो पता लगा कि तहरीर को बदल दिया गया है। इसके अलावा नामजद 6 लोगों की जगह 3 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। अब परिजन न्याय के लिए पुलिस थाने और आला अधिकारियों के चक्कर काट रहे है। पुलिस का कहना है कि मामले की जांच की जा रही है। जो भी दोषी होगा उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।