Edited By ,Updated: 10 Jan, 2017 09:18 AM
यूपी चुनाव मिशन में समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के गठबंधन को लेकर सस्पैंस बना हुआ है।
नई दिल्ली\लखनऊ: यूपी चुनाव मिशन में समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के गठबंधन को लेकर सस्पैंस बना हुआ है। मुलायम गठबंधन के पक्ष में नहीं हैं, जबकि अखिलेश गठबंधन के सहारे 300 सीटें लाने का दावा कर चुके हैं। ऐसे में गठबंधन होगा या नहीं, यह इस बात पर निर्भर करेगा कि समाजवादी कुनबे में मचे घमासान का क्या नतीजा निकलता है। समाजवादी पार्टी में चल रहे इस अनिश्चितता के दौर की वजह से ही कांग्रेस ने यू.पी. में बहुजन समाज पार्टी से भी गठबंधन के सभी रास्ते खुले रखे हैं।
माया-प्रियंका में होगी बात
बताया जा रहा है कि इस सिलसिले में बसपा सुप्रीमो मायावती राज्यसभा में कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता से पहले ही मुलाकात कर चुकी हैं और निकट भविष्य में उनकी मुलाकात गांधी परिवार के एक सदस्य (प्रियंका)से हो सकती है। सूत्रों ने बताया कि मायावती से यू.पी. को लेकर हो रही इस बातचीत पर प्रियंका गांधी नजदीक से नजर रख रही हैं।
यूपी के चुनावी रण में भाजपा की मजबूत चुनौती का जवाब गठबंधन से
दरअसल माना जा रहा है कि सत्ता में आने के लिए कांग्रेस को तो गठबंधन की जरूरत है ही, पर सपा और बसपा भी यही मान रहे हैं कि यू.पी. के चुनावी रण में भाजपा की मजबूत चुनौती का जवाब गठबंधन से दिया जा सकता है। बसपा और सपा तो साथ आने से रहे, ऐसे में दोनों कांग्रेस से गठबंधन की संभावनाएं तलाश रहे हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक, परिवार में चल रही वर्चस्व की लड़ाई के बीच अखिलेश यादव राहुल गांधी से अगले सप्ताह गठबंधन के सिलसिले में मुलाकात कर सकते हैं। अखिलेश कांग्रेस से गठबंधन की वकालत कई बार कर चुके हैं। वह तो यहां तक कह चुके हैं कि कांग्रेस-सपा गठबंधन हो गया तो 300 से ज्यादा सीटें आ जाएंगी।
बसपा को तरजीह
दूसरी तरफ सूत्र बता रहे हैं कि मायावती और कांग्रेस के बीच भी बातचीत चल रही है। माना जा रहा है कि कांग्रेस नेतृत्व सपा से ज्यादा बसपा को तरजीह देने के पक्ष में है क्योंकि सपा के साथ कांग्रेस के पिछले अनुभव अच्छे नहीं रहे हैं। साथ ही कांग्रेस नेताओं को सत्ता विरोधी लहर की भी ङ्क्षचता सता रही है। उन्हें लग रहा है कि अखिलेश सरकार के खिलाफ सत्ता विरोधी लहर का बोझ कांग्रेस-सपा गठबंधन को उठाना पड़ेगा जिसका असर प्रदर्शन पर भी पड़ सकता है।
गठबंधन पर अखिलेश से मिलेंगे राहुल और प्रियंका
सपा की तरफ से मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के ‘ड्राइविंग सीट’ पर आने के बाद चुनाव पूर्व सपा-कांग्रेस के संभावित गठबंधन पर अगले चरण की बातचीत शुरू होगी व राहुल-प्रियंका के साथ अखिलेश यादव की बैठक 10 जनवरी को हो सकती है।
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