Edited By Punjab Kesari,Updated: 16 Feb, 2018 02:26 PM
उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने वित्तीय वर्ष 2018-19 के लिए 428384. 52 करोड़ रुपए का बजट शुक्रवार को विधानसभा में पेश किया। योगी सरकार का यह दूसरा बजट है। बजट घाटे का है, लेकिन कोई नया कर नहीं लगाया गया है।
लखनऊ: उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने वित्तीय वर्ष 2018-19 के लिए 428384. 52 करोड़ रुपए का बजट शुक्रवार को विधानसभा में पेश किया। योगी सरकार का यह दूसरा बजट है। बजट घाटे का है, लेकिन कोई नया कर नहीं लगाया गया है। बजट में वर्ष 2019 में होने वाले लोकसभा चुनाव की स्पष्ट झलक दिखती है। कई नई योजनाओं की घोषणा की गई है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मौजूदगी में वित्तमंत्री राजेश अग्रवाल ने बजट पेश किया। यह पिछले वित्तीय वर्ष के बजट से करीब 60 हजार करोड़ रुपए अधिक है। बजट में कुल प्राप्तियां 4,20,899.46 करोड़ रुपए दर्शाई गई है। यह भी पिछले बजट से करीब 60 हजार करोड़ रुपए अधिक है। बजट में 7485.06 करोड़ रुपए का घाटा दिखाया गया है, हालांकि लोक लेखा से इसकी पूर्ति हो जाने की संभावना व्यक्त की गई है। पूर्ति होने पर घाटा समाप्त हो जाएगा और अधिशेष 1284. 23 करोड़ रुपए बढ़ सकता है।
बजट में निवेश, युवा कल्याण और राज्य में बुनियादी ढांचों के विकास पर ज्यादा जोर दिया गया है। नई योजनाओं के लिए बजट में 14341.89 करोड़ रुपए की व्यवस्था की गई है। बजट के अनुसार इन योजनाओं को आगामी वित्तीय वर्ष में शुरु किया जाना है। योजनाओं में 5 महानगरों में मेट्रो रेल सेवा, शिक्षित युवाओं के लिए मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजना और एक जिला-एक उत्पाद मुख्य रुप से शामिल हैं।