Edited By Punjab Kesari,Updated: 24 Feb, 2018 04:14 PM
उत्तर प्रदेश में उपचुनाव की घोषणा होते ही सभी पार्टियां इसकी जोरों से तैयारी कर रही हैं। इसी बीच अब बीजेपी के खिलाफ 3 पार्टियां एकजुट हो गई हैं। गोरखपुर लोकसभा उपचुनाव में बीजेपी को टक्कर देने के लिए स...
गोरखपुरः उत्तर प्रदेश में उपचुनाव की घोषणा होते ही सभी पार्टियां इसकी जोरों से तैयारी कर रही हैं। इसी बीच अब बीजेपी के खिलाफ 3 पार्टियां एकजुट हो गई हैं। गोरखपुर लोकसभा उपचुनाव में बीजेपी को टक्कर देने के लिए सपा ने निषाद पार्टी और पीस पार्टी से गठबंधन कर लिया है।
इस बारे में निषाद पार्टी के अध्यक्ष डॉ संजय कुमार निषाद ने कहा कि उपचुनाव में निषाद वोटों का बिखराव बिल्कुल भी नहीं है। निषाद पार्टी और पीस पार्टी के समर्थन से सपा मजबूत हुई है। वहीं पीस पार्टी के अध्यक्ष डॉ मोहम्मद अयूब का दावा है कि संसदीय क्षेत्र में पसमांदा मुसलमानों की संख्या 80-90 हजार के करीब है, जिसमें बड़ी संख्या बुनकरों की है। पिछले चुनाव में बुनकरों ने चुनाव बहिष्कार किया था। पीस पार्टी का एक मुश्त पसमांदा बुनकर वोट सपा के खाते में जा सकता है।
बताया जा रहा है कि पिछड़ों, अल्पसंख्यकों और दलितों के वोट बंटवारे का जो लाभ बीजेपी हर चुनाव में उठाती रही है, वह इस बार मिलने की उम्मीद कम है। उपचुनाव में सपा से इंजीनियर प्रवीण उर्फ संतोष निषाद, कांग्रेस से डॉ सुरहिता चटर्जी करीम और बीजेपी से उपेंद्र दत्त शुक्ल मैदान में हैं। सात अन्य प्रत्याशी भी भाग्य आजमा रहे हैं, जो अधिकतर पिछड़ी और दलित जाति से हैं। वहीं इस बार बसपा के चुनाव ना लड़ने से इसका भी फायदा सपा को मिल सकता है।