जमीन से निकला हजारों साल पुराना शिवलिंग, कौरव-पांडव युद्ध के मिले सबूत

Edited By Punjab Kesari,Updated: 27 Dec, 2017 02:33 PM

अब तक का सबसे भयानक युद्ध महाभारत का युद्ध था जो कौरवों और पांडवों के बीच हुआ था। वैज्ञनिकों के जरिए से आई है, उसी के बाद अब लोग...

कानपुरः अब तक का सबसे भयानक युद्ध महाभारत का युद्ध था जो कौरवों और पांडवों के बीच हुआ था। बात वैज्ञनिकों के जरिए से आई है, उसी के बाद अब लोग मान रहे हैं कि महाभारत कपोल कल्पना नहीं, बल्कि कौरव-पांडवों ने दिल्ली-हस्तिनापुर में कई वर्षो तक राज किया था। 11 साल पहले यहां खुदाई के दौरान ऐतिहासिक साक्ष्य मिले थे, जिनका परीक्षण करने के लिए पुरातत्व विभाग की टीम ले गई थी। जिसके जरिए पता चला था कि जाजमऊ महाभारत काल के राजा ययाति का नगर हुआ करता था।

जमीन से निकला हजारों साल पुराना शिवलिंग
जहां इतिहास से जुड़ी कई इमारतें, मंदिर और मस्जिद हैं। सोमवार को गंगा के किनारे बसा यह क्षेत्र फिर से सुर्खियों में आ गया। क्योंकि गंगा की सफाई के दौरान जमीन के नीचे से अष्टधातु का शिवलिंग मिला, जिसे स्थानीय लोग हजारों साल पुराना बता रहे हैं। मूर्ति में साक्षत भगवान शिव की आकृति बनी हुई है। हालांकि स्थानीय प्रशासन अभी इस पर कुछ बोलने को तैयार नहीं है। अपनी गंगा-जमुनी तहजीब के जिए विख्यात जाजमऊ करीब 6 हजार साल पहले महाभारत काल के राजा ययाति की राजधानी हुआ करता था।

खुदाई से निकली कई बेशकीमती चीजें
राजा ययाति ने यहां पर अपना महल बनवाया था जो आज भी गंगा के किनारे स्थित है। पुरातत्व विभाग ने करीब 11 साल पहले जाजमऊ पुल की खुदाई 4500 वर्गमीटर के क्षेत्रफल में की तो उससे उस जमाने के तांबे के सिक्के, मुहरें, टेराकोट की वस्तुएं, मिट्टी के तरह-तरह के पुराने बर्तन, हड्डियों से बनने वाले सामान और कई बेशकीमती चीजें मिली हैं। जाजमऊ में महाभारत काल के ययाति शासन और उनकी नगरी होने का प्रमाण मिले थे। जिसके जरिए पता चला था कि जाजमऊ 6 हजार साल पहले कभी महाभारत काल के राजा ययाति का नगर हुआ करता था।

13 मीटर की गहराई से प्राप्त हुआ शिवलिंग
नमामि गंगे परियोजना के तहत गंगा किनारे की जा रही खुदाई के दौरान एक अतिप्रचीन शिवलिंग निकला है। खुदाई करने वाले श्रमिकों ने इसकी जानकारी घाट के महन्त और नमामि गंगे की कार्यप्रदायी संस्था को दी है। खुदाई का काम करने वाले श्रमिकों का दावा है कि शिवलिंग उन्हें लगभग 13 मीटर की गहराई से प्राप्त हुआ है। श्रमिकों ने इस शिवलिंग को पास के शिवमन्दिर में रख दिया और इसे ईश्वरीय चमत्कार मानकर पूजा अर्चना शुरू कर दी। शिवलिंग को जल्द ही परीक्षण के लिए ले जाया जाएगा।

खुदाई में 17 हजार से अधिक पुरानी दुर्लभ वस्तुएं मिलीं
यह खुदाई जाजमऊ में राष्ट्रीय राजमार्ग 25 पर हुई और अवशेषों से यह भी पता लगा कि उस काल का सामाजिक-आर्थिक और राजनीतिक जीवन क्या था। खुदाई में 17 हजार से अधिक पुरानी दुर्लभ वस्तुएं मिलीं जिनमें ढाई इंच के स्त्री-पुरुष और पशुओं की आकृति भी है। मिट्टी निर्मित घरों, पकाए हुए ईटों के बने घरों में रसोई घर, स्नानघर और जलनिकासी की बेहतर व्यवस्था तब भी हुआ करती थीं। उस वक्त पुरातत्व विभाग की टीम इन अवशेषों को लेकर परीक्षण किया और माना था कि महाभारत युग था। यहीं 11 साल के बाद ययाति की राजधानी में खुदाई के दौरान शिवलिंग मिलने से स्पष्ट हो जाता है कि भगवान राम, कर्ण-अर्जुन और भगवान शिव कपोल कल्पना नहीं है।

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