Edited By Punjab Kesari,Updated: 20 Jan, 2018 06:34 PM
फिल्म ''पद्मावत'' का विरोध थमने का नाम नही ले रहा है। जहां ठाकुर समाज फिल्म को प्रसारित न होने की धमकी दे रहे है। वहीं देवबंदी उलेमाओं ने इसका विरोध शुरू कर दिया है। उन्होंने फिल्म ''पद्मावत''...
लखनऊः फिल्म 'पद्मावत' का विरोध थमने का नाम नही ले रहा है। जहां ठाकुर समाज फिल्म को प्रसारित न होने की धमकी दे रहे है। वहीं देवबंदी उलेमाओं ने इसका विरोध शुरू कर दिया है। उन्होंने फिल्म 'पद्मावत' का विरोध करते हुए कहा है कि इस्लाम में फिल्म देखना हराम है। उलेमाओं ने ओवैसी के फिल्म नहीं देखने वाले ब्यान का समर्थन करते हुए मुसलमानों को फिल्म न देखने की हिदायत दी है।
इस दौरान मुफ़्ती अथर क़ासमी ने कहा कि हमारे इस्लाम धर्म में फिल्म नाजायज है। फिल्म को देखना हमारे धर्म में जायज नहीं है। क़ासमी ने कहा कि ओवैसी साहब ने जो कहा बिल्कुल सही कहा है और हम ओवैसी साहब का समर्थन करते हैं। ओवैसी साहब के अलावा ठाकुर बिरादरी के लोगों ने भी इस फिल्म का विरोध किया है और इसका विरोध होना भी चाहिए।
क़ासमी ने आगे कहा कि इस फिल्म का विरोध करना जायज है। क्योंकि हमारे खिलजी बादशाह को जिस तरीके से उन्होंने अय्याश बनाकर पेश किया है यकीनन यह उनके साथ खिलवाड़ है। क़ासमी ने खिलजी की सराहना करते हुए कहा कि हिंदुस्तान की तारीख ही नहीं बल्कि पूरी तारीख को मिसमार और मस्त करने का उन्होंने काम किया है। फिल्म में जिस तरह से उनके चरित्र को तोड़ मरोड़ कर पेश किया है। उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई होनी चाहिए।