योगी सरकार का सबसे बड़ा फैसला, 20 हजार नेताओं के खिलाफ चल रहे मुकदमें होंगे वापस

Edited By Punjab Kesari,Updated: 27 Dec, 2017 12:22 PM

the ongoing litigation against 20 thousand leaders will be back

उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने अब तक का सबसे बड़ा फैसला लिया है। यूपी में संगठित अपराध पर रोक लगाने के लिए योगी सरकार ने 21 दिसंबर को यूपीकोका कानून का बिल विधानसभा में पेश किया था।

लखनऊ: उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने अब तक का सबसे बड़ा फैसला लिया है। यूपी में संगठित अपराध पर रोक लगाने के लिए योगी सरकार ने 21 दिसंबर को यूपीकोका कानून का बिल विधानसभा में पेश किया था। इसी के चलते सीएम योगी, डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य सहित कई राजनेताओं के खिलाफ दर्ज करीब 20 हजार राजनीतिक मुकदमों की वापसी की कवायद शुरू हो गई है।

जानकारी के अनुसार विधानसभा में यूपीकोका बिल को लेकर जारी बहस के दौरान योगी आदित्यनाथ ने कहा था कि 20 हजार राजनीतिक मुकदमे वापस होंगे। जिसके बाद 21 दिसंबर को ही उत्तर प्रदेश दंड विधि (अपराधों का शमन और विचारणों का उपशमन) (संशोधन) विधेयक, 2017 भी पेश कर दिया।

बता दें कि योगी सरकार ने 20 दिसंबर को गोरखपुर जिला मजिस्ट्रेट को एक पत्र भेजा था, जिसमें यह निर्देश दिया गया था कि अदालत के सामने मामला वापस लेने के लिए एक आवेदन दायर किया जाए। सरकार के आदेश में कहा गया है कि 27 अक्टूबर को जिला मजिस्ट्रेट से प्राप्त पत्र के आधार पर और मामले के तथ्यों की छानबीन के बाद, यूपी सरकार ने इस मामले को वापस लेने का निर्णय लिया। पत्र में योगी आदित्यनाथ, शिव प्रताप शुक्ला, शीतल पांडे और 10 अन्य के नाम शामिल हैं।

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